भोपाल
छतरपुर की पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर आखिरकार विराम लग गया है. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशा बांगरे के इस बार चुनाव लड़ने के सस्पेंस को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा है कि निशा बांगरे इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं. छिंदवाड़ा में नामांकन भरने के बाद कमलनाथ ने मंच से ऐलान किया कि निशा बांगरे इस बार भले ही चुनाव न लड़ रही हों, लेकिन उनकी जरूरत कमलनाथ को प्रदेश में है.
दरअसल निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद ये अटकलें लगाई जा रही थीं, कि कांग्रेस पार्टी उन्हें आमला सीट से उम्मीदवार बना सकती है. बांगरे अपने चुनाव लड़ने की इच्छा बताने और उनपर कमलनाथ के विचार जानने के लिए उनके घर पहुंची थीं. इसके बाद जानकारी मिली की कमलनाथ उन्हें छिंदवाड़ा में जनसभा के दौरान कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाएंगे. राजनीतिक गलियारों में कयासबाजी शुरू हो गई कि कमलनाथ इसी दौरान उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान भी कर सकते हैं.
हालांकि कमलनाथ ने ये साफ कर दिया कि निशा बांगरे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी. कमलनाथ ने मंच से निशा बांगरे को संबोधित करते हुए कहा, 'आप उदाहरण बनेंगी. कोई बात नहीं आप चुनाव नहीं लड़ रहीं. आपकी सेवाओं की आवश्यकता मुझे प्रदेश में है. आज आप सबको कहता हूं कि निशा बांगरे जैसी महिलाएं जिनके साथ अत्याचार हुआ है, उन महिलाओं को भी लाने की जिम्मेदारी आपकी होगी.'
दरअसल निशा बांगरे छतरपुर के डिप्टी कलेक्टर पद पर इस्तीफे के बाद से ही सुर्खियों में थीं. उन्होंने इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. हालांकि सरकार द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होने पर कांग्रेस पार्टी ने आमला से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. निशा बांगरे इसी आमला सीट से चुनाव लड़ना चाह रही थीं. कांग्रेस पार्टी ने आखिरी लिस्ट तक इस सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया था. लेकिन कांग्रेस ने जैसे ही इस सीट पर उम्मीदवार उतारा उसके अगले ही दिन निशा बांगरे का इस्तीफ सरकार ने मंजूर कर लिया.
निशा बांगरे का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया ताकि वो चुनाव न लड़ सकें. हालांकि कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी उनके इस्तीफे के बाद आमला सीट से उम्मीदवार बदलते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतार देगी, लेकिन इन अटकलों पर भी कमलनाथ ने विराम लगा दिया है.
निशा बांगरे ने कहा कि मेरे अंदर पद और पैसों की लालच नहीं है। मेरी कोशिश है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे। मैंने इसी वजह से मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी थी। गलत राजनैतिक मंशा की वजह से इस्तीफा रोका गया। उन्होंने कहा कि एक पढ़ी लिखी महिला को सड़कों पर उतरना पड़ा है। मेरे साथ राजनैतिक कारणों के कारण षड्यंत्र किया गया है।
इसके बाद मैंने राजनीति में जाने का फैसला किया। कांग्रेस पार्टी ने मेरे इस्तीफा का इंतजार किया। इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो आमला विधानसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा हुई। उन्होंने कहा कि क्योंकि कांग्रेस को भी तैयारी करनी थी। समय बीतता जा रहा था इसलिए कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। प्रत्याशी की घोषणा के बाद बीजेपी की सरकार ने इस्तीफा मंजूर किया। यह सरकार की साजिश थी।
हालांकि निशा बांगरे ने कहा कि अभी भी पार्टी के लोग लगे हैं कि टिकट बदल जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो भी निर्णय लेगी वह सर्वमान्य होगा। मैं कमलनाथ के साथ खड़ी हूं। निशा बांगरे ने कमलनाथ से मुलाकात की थी। इस दौरान कमलनाथ ने कहा है कि हमने दिल्ली रिन्यू करने के लिए भेज दिया है। अब दिल्ली को ही निर्णय लेना है। वहीं, कमलनाथ के ऐलान के बाद निशा बांगरे ने कहा कि वह जो कहेंगे, हम मानेंगे। मैं न्याय के लिए सभी जगह प्रचार करने जाऊंगी।
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने निशा बांगरे को चुनाव नहीं लड़ने को लेकर मना लिया है। कमलनाथ ने मंच से कह दिया है कि वह पूरे प्रदेश के लिए काम करेंगी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठन में निशा बांगरे को कोई बड़ा पद मिल सकता है। वहीं, निशा बांगरे इस सवाल पर कहती हैं कि मैं कोई पद के लिए काम नहीं करती हूं।
कांग्रेस की बढ़ सकती थी मुश्किलें
वहीं, अगर निशा बांगरे आमला विधानसभा सीट पर अड़ जाती तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती थी। निशा बांगरे की जमीनी स्तर पर वह पकड़ अच्छी है और बौद्ध धर्म की आबादी ज्यादा है। साथ ही निशा वहां कुछ सालों से लगातार एक्टिव थीं। अगर निर्दलीय लड़ती तो कांग्रेस का खेल खराब हो जाता। हालांकि कमलनाथ निशा को मनाने में सफल रहे हैं।