नई दिल्ली.
राजधानी के लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान बृहस्पतिवार को आईटीओ चौराहे से शुरू हो गया है। इस बार अभियान जनता की भागीदारी से चलेगा। 28 को बाराखंभा व 30 अक्तूबर को चंदगीराम अखाड़ा चौराहा और दो नवंबर को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में इसे चलाया जाएगा।
बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस बार आईटीओ चौराहे से अभियान की शुरुआत होगी। तीन नवंबर को 2000 इको क्लबों के माध्यम से स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता अभियान भी चलेगा। वर्ष 2020 में रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को शुरू किया गया था। इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत औद्योगिक अनुसंधान परिषद व केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2019 में अध्ययन किया था। इसके मुताबिक रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने से नौ प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है। गोपाल राय ने कहा कि सुबह लोग गाड़ी लेकर निकलते हैं तो शाम को घर पहुंचने तक 10 से 12 रेडलाइट से गुजरते हैं। इन चौराहों पर गाड़ी का इंजन चालू रखते हैं। इससे 25 से 30 मिनट बेकार में ही पेट्रोल-डीजल जलता है। अभियान का उद्देश्य यही है कि इस आदत को बदला जाए, ताकि लोग वाहनों के इंजन को रेडलाइट पर बंद कर दें। सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो जाती है। आप सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम बनाकर युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है।