कटनी
प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री और 2018 के चुनाव में बड़वारा से पराजित हुए मोती कश्यप भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय मैदान में उतरने वाले हैं। उन्होने जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र प्राप्त कर लिया है। यशभारत से बातचीत में मोती कश्यप ने बताया कि वे कल या परसों नामांकन जमा करेंगे। मोती कश्यप के इस कदम से बीजेपी में भोपाल तक हड़कम्प की स्थिति है। अगर उन्होंने अपना फैसला नही बदला तो बड़वारा में भाजपा की जीत का रास्ता कठिन हो जाएगा। इसका असर आसपास की सीटों पर भी पड़ सकता है।
मोती कश्यप निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन जमा पत्र करेंगे
पूर्व मंत्री मोती कश्यप ने इस बार भी बड़वारा सीट से बीजेपी की टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह धीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बना दिया. अब मोती कश्यप ने बगावती तेवर अपना लिए है. उन्होने कटनी के जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र प्राप्त कर लिया है. मीडिया से बातचीत में मोती कश्यप ने कहा कि वे कल गुरुवार (26 अक्टूबर) या परसों शुक्रवार (27 अक्टूबर) नामांकन जमा करेंगे.
तो बड़वारा में बीजेपी की जीत का रास्ता कठिन हो जाएगा
मोती कश्यप के इस कदम से बीजेपी में भोपाल तक हड़कंप की स्थिति है. कहा जा रहा है कि अगर उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला तो बड़वारा में बीजेपी की जीत का रास्ता कठिन हो जाएगा. इसका असर आसपास की सीटों पर भी पड़ सकता है. मोती कश्यप की गिनती मांझी समाज के बड़े चेहरे के रूप में होती है. इस सीट पर मांझी समाज के तकरीबन 33 हजार वोट है. ऐसे में मोती कश्यप की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ जाएगी. कुछ दिनों पहले उनके पुत्र ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है.
बताया जा रहा है कि मोती कश्यप ने भाजपा से टिकट मांगी थी लेकिन पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर धीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। मोती कश्यप की गिनती मांझी समाज के बड़े चेहरे के रूप में होती है। अकेले बड़वारा क्षेत्र में लगभग 33 हजार मतदाता इस समाज के हैं। ऐसे में मोती कश्यप की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ जाएगी। कुछ दिनों पहले उनके सुपुत्र ने भी बीजेपो से इस्तीफा दे दिया था।