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‘भारत ड्रोन महोत्सव’ का PM मोदी ने किया उद्घाटन, ‘मेक इन इंडिया’ का जलवा देख हुए गदगद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में आज ‘भारत ड्रोन महोत्सव’ का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने ड्रोन प्रदर्शनी का अवलोकन किया और ‘मेक इन इंडिया’ की प्रगति देखकर बहुत खुश हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप सभी को भारत ड्रोन महोत्सव के आयोजन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. आज इस ड्रोन प्रदर्शनी से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं. मेरे लिए आज बहुत सुखद अनुभव रहा. जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये मेक इन इंडिया हैं.’

पीएम मोदी ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है. यह जो ऊर्जा नजर आ रही है, वह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है. यह भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है. उन्होंने कहा कि ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ के रास्ते पर चलते हुए, ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को हमने प्राथमिकता बनाया.

हमने तकनीक को सर्वजन के लिए सुलभ बनाया: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उत्सव सिर्फ तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वर्नेंस का, नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का उत्सव भी है. आठ वर्ष पहले यही वह समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी. हमारे वहां ये मान लिया गया था कि तकनीक सिर्फ अमीर लोगों का कारोबार है, सामान्य लोगों की जिंदगी में इसका कोई स्थान नहीं है. इस पूरी मानसिकता को बदलकर हमने तकनीक को सर्वजन के लिए सुलभ करने से संबंधित अनेक कदम उठाए हैं और आगे भी उठाने वाले हैं.

तकनीक से सरकार में जनता का भरोसा बढ़ा है: PM मोदी
उन्होंने कहा, ‘पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको एंटी-पूअर साबित करने की कोशिशें हुईं. इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा. इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ. पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, कैरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी. लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं. आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है. अब लोगों को भरोसा है कि उनके हिस्से का उन्हें मिलेगा ही मिलेगा.’