नई दिल्ली
बाबर आजम से पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी छिन सकती है। टीम जब वर्ल्ड कप 2023 खेलने के बाद अपने देश लौटेगी तो बाबर आजम को कप्तानी से हटाया जा सकता है। यहां तक कि उन तीन खिलाड़ियों के नाम पर भी चर्चा हो गई है, जिन्हें कप्तानी मिल सकती है। विकेटकीपर बल्लेबाज सरफराज अहमद, मोहम्मद रिजवान और शाहीन शाह अफरीदी को लेकर चर्चा हुई है, जो आगे टीम के नेतृत्व करते नजर आ सकते हैं।
विश्व कप 2023 के तुरंत बाद पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। टीम को 2024 टी20 विश्व कप और 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी योजना बनाने की जरूरत है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में इस बात पर स्पष्ट सहमति बन रही है कि बाबर आजम के पास खुद को साबित करने का मौका था और वह कप्तान के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं। ऐसे में उनको बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कहा जाएगा।
पाकिस्तान के पास विश्व कप में चार और लीग मैच बचे हैं। हालांकि, टीम लगातार तीन मैच हारने के बाद सेमीफाइनल के लिए क्वॉलिफाई करने के लिए कठिन दौर से गुजरने वाली है। इस बीच पीटीआई को एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया, "अगर पाकिस्तान कोई चमत्कार कर सकता है और इस विश्व कप के सेमीफाइनल के लिए क्वॉलिफाई करने के लिए अपने बाकी सभी मैच जीत सकता है तो बाबर के पास कप्तान के रूप में बने रहने का मौका होगा। उस केस में उन्हें केवल लाल गेंद प्रारूप में कप्तानी से हटाया जा सकता है।"
सूत्र ने कहा कि बाबर के लिए चाकू निकल चुके हैं और अगर टीम विश्व कप सेमीफाइनल में खेले बिना स्वदेश लौटती है तो वह कप्तानी से अपने इस्तीफे की घोषणा भी कर सकते हैं। सूत्र ने कहा, "बाबर के लिए यह खत्म हो गया है, क्योंकि उन्हें कप्तान के रूप में बेलगाम शक्ति और अधिकार दिए गए हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि टीम में हमेशा उनकी पसंद के खिलाड़ी रहे हैं। उनके अधिकार को कम करने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया और इसलिए अब उन्हें एशिया कप और विश्व कप हार के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि एशिया कप और विश्व कप के लिए पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक और मोहम्मद हफीज टीम में कुछ बदलाव चाहते थे, लेकिन बाबर को वे सभी 18 खिलाड़ी मिले जो उन्होंने मांगे थे। मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक ने भी उनका पूरा समर्थन किया था। इस पर सूत्र ने कहा, "पीसीबी अध्यक्ष जका अशरफ ने मिस्बाह और हफीज और कुछ अन्य पूर्व खिलाड़ियों की सलाह को नजरअंदाज कर दिया, जिनसे उन्होंने सलाह ली थी, क्योंकि बाबर इस बात पर अड़े थे कि वह विश्व कप के लिए टीम में बदलाव नहीं चाहते हैं।"