भोपाल
राजधानी में बच्चियों के अपहरण के मामले में अब एक महिला डॉक्टर की तलाश की जा रही है। वहीं गिरफ्तार आरोपियों के तार अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन महीने की एंजल और ढाई साल की अकीरो नामक बच्ची को भी बरामद किया है। आरोपियों का कहना है कि ये दोनों बच्चियां उन्हें एक महिला डॉक्टर ने अपने पास रखने के लिए दिया था, लेकिन मोबाइल की जांच में पता चला है कि उसी महिला डॉक्टर के साथ अगवा की गई बच्चियों के सौदे की बात चल रही थी। पुलिस महिला डॉक्टर की भी तलाश कर रही।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक कर्फ्यूवाली माता मंदिर के सामने से शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे दो महिलाओं ने 11 महीने की दीपावली और 8 साल की बच्ची काजल का अपहरण कर लिया था। मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने इलाके में लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और करीब 60 घंटे की मशक्कत के बाद कोलार रोड स्थित पॉश कालोनी इंग्लिश विला सोसायटी से दोनों बच्चियों को सकुशल बरामद कर लिया। इस मामले में यहां रहने वाली अर्चना सैनी (36), उसके लिवइन पार्टनर निशांत (31), बेटे सूरज (19), नाबालिग बेटी और बेटे सूरज की गर्लफ्रेंड मुस्कान (20) को गिरफ्तार किया गया था। अपहृत बच्चियों के अलावा परिवार के पास तीन महीने की एंजल और ढाई साल की अकीरो भी मिली थी। पहले तो महिला ने उन्हें अपनी बेटियां बताया था, लेकिन बाद में पता चला कि ये दोनों बच्चियां किसी महिला डॉक्टर ने उसे रखने के लिए दी थीं। पूछताछ में आरोपी ज्यादा सहयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन पुलिस जांच में उनके तार अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़ते नजर आ रहे हैं। न्यायालय में पेश करने के बाद सभी को रिमांड पर लिया जाएगा।
अर्चना सैनी है पूरे गिरोह की मुखिया
पूछताछ में पता चला कि अर्चना सैनी मूलत: पंजाब की रहने वाली है। शादी के बाद वह फरीदाबाद हरियाणा में रहती थी। उसके दो बच्चे सूरज और एक बेटी है। पति से विवाद के बाद वह उसे छोड़कर मुंबई चली गई और इवेंट मैनेजमेंट का काम करने लगी। यहां मैट्रीमोनियल साइट से उसकी मुलाकात निशांत नामक युवक से हुई, जिसके बाद दोनों लिवइन में रहने लगे। निशांत मूलत: केरल का रहने वाला है और मुंबई तथा गोवा में काम करता था। उनके साथ रहने वाली मुस्कान नामक युवती का पूरा नाम मुस्कान बानो है और वह बाराबंकी उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। इंटरनेट के माध्यम से उसकी पहचान अर्चना के बेटे सूरज से हुई थी। करीब छह महीने पहले मुस्कान अपने घर से भागकर सूरज के पास आ गई थी। बच्चों को अगवा करने वाले इस गिरोह की मुखिया अर्चना सैनी है। निशांत भोपाल में रहकर पढ़ाई कर चुका है, इसलिए उसे यहां की भौगोलिक जानकारी है। इसी कारण पूरा गिरोह करीब तीन महीने पहले भोपाल आया। पहले यह परिवार निशातपुरा इलाके में किराए से रहता था, लेकिन जब वहां बच्चों का अपहरण नहीं कर पाए तो कोलार की पॉश कालोनी में शिफ्ट हो गए।
बच्चियों को बेचना चाहते थे आरोपी, महिला डॉक्टर की तलाश
डीसीपी जोन-3 रियाज इकबाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी दोनों बच्चियों को बेचना चाहते थे। पुलिस ने उनके मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग चैक की, जिसमें सौदेबाजी की बात सामने आई है। आरोपियों के घर पर मिली दो अन्य छोटी बच्चियों के बारे में आरोपी महिला का कहना है कि उसे एक महिला डॉक्टर ने अपने पास उन्हें रखने के लिए दिया था। इसकी पुष्टि के लिए महिला डॉक्टर की तलाश की जा रही है। एक बच्ची का नाम अकीरो बताया गया है, जो जापानी नाम होता है, ऐसे में इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बरामद हुई दोनों छोटी बच्चियों के फोटो और हुलिए की जानकारी सार्वजनिक की जा रही है, ताकि उनके परिजनों का पता लगाया जा सके। तब तक के लिए सीडब्ल्यूसी की मदद से बच्चियों को सुरक्षित रखा जाएगा।
दूसरे राज्यों से बुलाया जा रहा आपराधिक रिकॉर्ड
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी निशांत का केरल में धोखाधड़ी तथा मारपीट समेत कई आपराधिक मामले हैं। अर्चना और अन्य आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड हरियाणा और अन्य राज्यों से बुलवाया जा रहा है। बच्चों का अपहरण करने वाले इस गिरोह की जानकारी भी दूसरे राज्यों को दी गई है, ताकि उनके यहां इस प्रकार की कोई घटना हुई हो तो इसका खुलासा हो सके।