बुरहानपुर
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे नंदकुमारसिंह चौहान नंदू भैया के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने पार्टी से बगावत कर दी है। वे बुरहानपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आधिकारिक रूप से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी।जिसके बाद बुरहानपुर विधानसभा सीट में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
हर्षवर्धन सिंह बुरहानपुर विधानसभा से दावेदारी कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने अर्चना चिटनीस को उम्मीदवार बना दिया। इससे वे नाराज हो उठे थे और विरोध प्रदर्शन भी कर रहे थे। उन्होंने चिटनीस को प्रत्याशी घोषित करते हुए बागी तेवर दिखाने शुरु कर दिए थे। आखिरकार मंगलवार को हर्षवर्धन सिंह चौहान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि उनके साथ पार्टी ने विश्वासघात किया है। उनके पिता ने मालवा निमाड़ में बीजेपी के लिए मजबूत जमीन तैयार की थी। हर्षवर्धन का कहना है कि मेरे साथ दूसरी बार धोखा किया गया। इससे पहले हर्षवर्धन सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निर्दलीय चुनाव लडने के संबंध में लोगों से पूछा था। बाद में बुरहानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
अटकलों पर लगाया विराम
उन्होंने यह कहते हुए बाद में नामांकन वापस लेने संबंधी अटकलों पर भी विराम लगा दिया है कि मेरा मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना नहीं है, अब यह सूरत बदलनी चाहिए। हर्षवर्धन ने एक बार फिर भाजपा नेताओं पर निमाड़ की जनता से धोखा करने का आरोप लगाया है।
यह बात भी कही
उन्होंने कहा है कि स्व. नंदकुमार सिंह चौहान और क्षेत्र की जनता के लिए अब उनका चुनावी रण में उतरना जरूरी हो गया है। ज्ञात हो कि बुरहानपुर विस सीट से भाजपा ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से टिकट के दावेदार रहे भाजपा के कई बड़े नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान के साथ जा खड़े हुए हैं।
नाराज कांग्रेसी भी बिगाड़ेंगे समीकरण
वर्तमान में बुरहानपुर सीट से नजर आ रहा त्रिकोणीय मुकाबला अगले दो से तीन दिन बाद चतुष्कोणीय भी हो सकता है। इसका कारण टिकट वितरण से नाराज कांग्रेस नेताओं के बीच पक रही चुनावी खिचड़ी है। दरअसल कांग्रेस के करीब आधा दर्जन बड़े नेता यहां से किसी अल्पसंख्यक को प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहे हैं। पार्टी द्वारा निर्णय नहीं बदलने पर वे अल्पसंख्यक समाज से निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा कर सकते हैं। यह प्रत्याशी यदि असरदार हुआ तो चुनाव और रोचक हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर विधानसभा में एक लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं।