नई दिल्ली
इस बीच, चीन ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने छह युद्धपोत फारस की खाड़ी में उतार दिए हैं। चीन ने ऐसा ईरान को कवरअप देने के लिए किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि छह चीनी युद्धपोत, जिनमें 052डी टाइप गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक पोत ज़िबो, फ्रिगेट जिंगझू और सप्लाई शिप कियानदाओहू भी शामिल हैं। ये सभी चीनी सेना पीएलए के 44वें नौसैनिक एस्कॉर्ट टास्क फोर्स का हिस्सा है, जिसने हाल ही में ओमान के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लिया था।
चीन ने ऐसा तब किया है, जब अमेरिका ने अपने सबसे हाईटेक युद्धपोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड को एक युद्ध समूह के साथ भूमध्य सागर में तैनात कर दिया है। वाशिंगटन इजरायल को ए-10 वॉर्थोग और एफ-15ई हमले वाले विमानों के साथ-साथ नवीनतम हथियारों से भी सहायता कर रहा है। अमेरिका इजरायल की मदद करता रहा है और उसे सुरक्षा देने के लिए ही उसने पूर्वी भूमध्यसागर में अपने बेड़े को उतारा है।
इजरायल के साथ अमेरिका समेत यूरोप:
बता दें कि चीन अभी तक दक्षिणी चीन सागर में ही अपनी नौसैनिक ताकत दिखाता रहा है लेकिन इस बार चीन ने फारस की खाड़ी में अपने जंगी बेड़े को उतारकर अपनी मंशा जगजाहिर कर दी है। दुनिया की दो बड़ा महाशक्तियों के आमने-सामने आ जाने की वजह से अब ऐसी आशंका घर करने लगी है कि इजरायल-हमास युद्ध लंबा चल सकता है। ये लड़ाई अब अमेरिका बनाम चीन की भी हो सकती है क्योंकि अमेरिका पहले ही खुलकर इजरायल के साथ आ चुका है और उसके साथ ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश हैं तो चीन ने ईरान का साथ देने के लिए उसके नजदीक जंगी बेड़े उतारे हैं। यानी कहा जा सकता है कि चीन ईरान के साथ है। ईरान पर पहले से ही हमास को फंड और हथियार देने का आरोप अमेरिका और इजरायल लगाता रहा है।
रूस का कड़ा संदेश:
इस बीच एक बड़े घटनाक्रम में रूस के विदेश मंत्री ने ईरान का दौरा किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही संकेत दे चुके हैं कि उनका देश ईरान के साथ पूरी तन्मयता के साथ खड़ा है। उधर, ईरान गाजा पट्टी में इजरायली हमलों को देखते हुए बार-बार चेतावनी दे रहा है कि आम नागरिकों को निशाना न बनाए लेकिन इजरायल इससे बाज नहीं आ रहा है। 7 अक्टूबर को शुरू हुए इस जंग में सिर्फ गाजा पट्टी में अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14000 से ज्यादा लोग घायल हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं, जिनकी संख्या 2000 के ऊपर है।
चीन का डबल गेम:
इस बीच चीन ने एक और चौंकाने वाला कदम उठाया है। फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन कर रहे चीन के विदेश मंत्री ने इजरायल की तरफदारी करते हुए कहा है कि सभी देशों को आत्मरक्षा का अधिकार है। ऐसा कहकर चीन ने एक तरह से इजरायली हमले का समर्थन कर दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इजरायली समकक्ष से फोन पर बात करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करते हुए इजरायल को भी अपने नागरिकों की सुरक्षा करने का अधिकार है। हमास-इजरायल युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार चीन ने इजरायल के किसी बड़े नेता से बात की है।