भोपाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी में उनके सहयोगी कमल नाथ अगले महीने होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ 'पूरी ईमानदारी' के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ’ के दोनों घटकों के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत कैसे पटरी से उतर गई.
सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उनके नेतृत्व के गुणों के लिए प्रशंसा की और मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ द्वारा उनके लिए शब्दों के चयन पर असहमति भी जताई. सिंह ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ को सपा के लिए चार विधानसभा सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था जबकि सपा आधा दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी.
भोपाल में अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कांग्रेस और सपा के बीच सीटों की लड़ाई को कम करने की कोशिश की. यह लड़ाई कांग्रेस द्वारा ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक होने के बावजूद सपा को कोई विधानसभा सीट आवंटित नहीं करने के बाद छिड़ गई है.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘ यह ठीक है…गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि सपा और अखिलेश कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.’’ पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने के लिए सपा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद, गठबंधन के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कथित तौर पर कहा था,‘‘ छोड़िए अखिलेश वखिलेश.’’
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ द्वारा यादव की आलोचना को अस्वीकृत कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि उन्होंने (कमलनाथ ने) ऐसा कैसे कहा.' इंडिया’ गठबंधन के किसी नेता के बारे में ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए.’’राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था. इस कमरे में (भोपाल में उनके निवास पर) हमारी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सपा एक सीट बिजावर (2018 के चुनावों में) बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और दो अन्य सीटों पर वह दूसरे स्थान पर थी. सपा छह सीटें चाहती थी, और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि बाद में मामला कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास गया, लेकिन उन्होंने (सपा के साथ गठबंधन) का मुद्दा राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन अगला लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा, लेकिन साथ ही कहा कि राज्यों के चुनाव से जुड़े मुद्दे अलग होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि यह बातचीत (मध्य प्रदेश में गठबंधन की) कहां पटरी से उतर गई.' लेकिन जहां तक कमलनाथ का सवाल है, मैं कह सकता हूं कि वह पूरी ईमानदारी के साथ सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे.’’
सपा ने मप्र में दो दर्जन से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. कांग्रेस नेता ने सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ अपने मजबूत संबंधों को याद किया. जब सिंह को बताया गया कि लखनऊ में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के पोस्टर लगे हैं तो उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र शिवपुरी से कांग्रेस द्वारा पिछोर के मौजूदा विधायक केपी सिंह को मैदान में उतारने के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, राज्यसभा सांसद ने कहा कि केपी सिंह उनकी पार्टी के सहयोगी, एक लोकप्रिय नेता है और उनके रिश्तेदार भी हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा सिंधिया को बीजेपी के टिकट पर शिवपुरी से चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया गया था, दिग्विजय सिंह ने कहा,‘‘ निश्चित रूप से. वह (सिंधिया) डरकर भाग गए (केपी सिंह का सामना करने के लिए).’’
शिवपुरी से मौजूदा बीजेपी विधायक और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ एवं मध्यप्रदेश सरकार में राज्य मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने खराब स्वास्थ्य के कार इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
इससे पहले, पिछले सप्ताह कांग्रेस घोषणापत्र जारी करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, चुनाव टिकटों के वितरण के संदर्भ में की गई कमलनाथ की 'कपड़े फाड़ने' वाली टिप्पणी को दिग्विजय सिंह ने सार्वजनिक रूप से अस्वीकार कर दिया था.
कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह शिवपुरी से एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने सहयोगी सिंह के 'कपड़े फाड़ने' के लिए कह रहे हैं. इससे उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में दरार की चर्चा तेज हो गई है.
वायरल वीडियो में, कमलनाथ को पार्टी नेता वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक बताए जा रहे लोगों के एक समूह से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने (रघुवंशी की सीट के चयन) का मुद्दा दिग्विजय सिंह और उनके विधायक-बेटे जयवर्धन सिंह पर छोड़ दिया है.
इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को समूह से (टिकट इनकार के मुद्दे पर) दिग्विजय सिंह के 'कपड़े फाड़ने' के लिए कहते हुए सुना जाता है. बीजेपी के पूर्व विधायक रघुवंशी इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्होंने शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने पिछोर से छह बार विधायक रहे केपी सिंह को वहां से मैदान में उतारा.