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लॉरेंस बिश्नोई साल भर तक साबरमती जेल में सड़ेगा

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 साबरमती
खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई अब एक साल तक गुजरात की साबरमती जेल में ही बंद रहेगा। गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित ऑर्डर जारी किया हुआ है। अब दूसरे राज्यों की पुलिस भी एक साल तक उसका प्रॉडक्शन रिमांड में नहीं ले सकेगी। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड समेत सभी राज्यों की अदालतों में चल रहे केसों की सुनवाई में इसे फिजिकली पेश नहीं किया जाएगा। साबरमती जेल से ही ये विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जरिए अदालत की सुनवाई में शामिल होगा। दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर के सूत्रों ने बताया कि स्पेशल सेल एक्सटॉर्शन के एक केस में लॉरेंस को प्रॉडक्शन रिमांड में दिल्ली लाना चाहती है। लेकिन गुजरात पुलिस ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 30 अगस्त को लॉरेंस पर सीआरपीसी की धारा 268 (1) लागू की है। इसका मतलब है कि लॉरेंस एक साल तक साबरमती जेल में ही रहेगा। गुजरात पुलिस इसे सीमापार पार से करोड़ों रुपये की ड्रग तस्करी के केस में पंजाब के बठिंडा की जेल से 23 अगस्त को प्रॉडक्शन रिमांड पर ले गई थी। इसके बाद से ही वो साबरमती जेल में है।

लॉरेंस ने इसी जेल से मांगी थी रंगदारी
पुलिस अफसरों ने बताया कि साबरमती जेल में पहले भी बंद रहे लॉरेंस ने 22 मई को वहां से दिल्ली के दो कारोबारियों से दो-दो करोड़ की रंगदारी मांगी थी। एनबीटी के पास मौजूद रिकॉर्डिंग में लॉरेंस एक पीड़ित से कह रहा है, 'जिस दिन मेरे हत्थे चढ़ गए ना तेरे परिवार या आसपास के तो मैं चबा जाऊंगा। रिकॉर्डिंग कर लेना, जो केस करने में आसानी होगी।' इस पर स्पेशल सेल ने केस दर्ज किया था। इसी मामले में लॉरेंस का वॉयस सैंपल लेना है और पूछताछ करनी है। दिल्ली पुलिस ने तीन बार कोर्ट से प्रॉडक्शन वॉरंट भी ले चुकी थी।

पंजाब पुलिस ने लॉरेंस की जान को खतरा बताते हुए दिल्ली पहुंचाने के लिए पर्याप्त फोर्स और साधन नहीं होने की बात कही। स्पेशल सेल ने अपनी सुरक्षा में लाने का वादा कोर्ट से किया था। इसके बावजूद बठिंडा जेल से लॉरेंस को नहीं लाया जा सका था। इस बीच, लॉरेंस ने दिल्ली में एनकाउंटर का खतरा बताते हुए कोर्ट में गुहार लगा दी। जुलाई में फरीदकोट के अस्पताल में भर्ती हुआ, जहां डिस्चार्ज होने पर इसे डॉक्टरों ने बेड रेस्ट बता दिया। दिल्ली पुलिस इंतजार कर रही थी, लेकिन गुजरात पुलिस 23 अगस्त को लॉरेंस को ले गई।