Home राज्यों से जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्ली-NCR, 300 पार पहुंचा AQI

जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्ली-NCR, 300 पार पहुंचा AQI

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नईदिल्ली

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बेहद खराब लेवल पर पहुंच गया है। लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समग्र वायु गुणवत्ता मंगलवार सुबह 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 303 पर पहुंच गया है। कम तापमान, शांत हवाएं और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के संयोजन के कारण रविवार से एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, मंगलवार सुबह दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में वायु गुणवत्ता 335, पूसा में 242, आईआईटी दिल्ली (306), हवाई अड्डा क्षेत्र (313), मथुरा रोड (173) रहा। इसी बीच, नोएडा में एक्यूआई 308 दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम में 249 रहा। शून्य और 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर माना जाता है।

वहीं दिल्ली एनसीआर में मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिन के दौरान क्षेत्र में अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। रविवार सुबह दिल्ली में इस मौसम का सबसे कम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दिल्ली में प्रदूषण के 8 नए हॉटस्पॉट मिले

दिल्ली सरकार ने सोमवार को शहर में आठ नए प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की है। अब इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी और प्रदूषण के स्रोतों की निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी। नए हॉटस्पॉट में – शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और मोती बाग शामिल हैं।

पहले से मौजूद हैं ये 13 हॉटस्पॉट

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, '13 हॉट स्पॉट के लिए अलग-अलग शीतकालीन कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं और आठ अतिरिक्त क्षेत्रों के लिए समान योजनाएं विकसित की जाएंगी। 25 अक्टूबर को इन हॉटस्पॉट पर फील्ड निरीक्षण किया जाएगा।' 2018 में सरकार ने सबसे पहले 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की, जिनमें लगातार दिल्ली के औसत से अधिक वार्षिक पीएम 2.5 कंसनट्रेशन था। इनमें- आनंद विहार, मुंडका, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आरके पुरम, रोहिणी, पंजाबी बाग, ओखला, बवाना, विवेक विहार, नरेला, अशोक विहार और द्वारका शामिल हैं।

AQI क्‍या है, इससे क्‍या पता चलता है?

सबसे पहले जानिए कि एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स आखिर है क्‍या। इसे वह पैमाना जानिए जिससे हवा में प्रदूषण की मात्रा नापी जाती है। किसी जगह की हवा में कितना प्रदूषण है, यह वहां के AQI से पता चल सकता है। AQI 0 से 500 तक होता है। यह जितना ज्यादा होगा, वायु प्रदूषण भी उतना ही घातक होगा। 50 से नीचे AQI का मतलब हवा साफ है जबकि 300 से ज्यादा AQI होने पर हवा खासी जहरीली हो जाती है।

AQI की छह कैटेगरी होती हैं। हर कैटेगरी का अलग कलर कोड और स्वास्थ्य चिंताओं का लेवल रहता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिल्‍ली की हवा को कई फैक्टर मिलकर जहरीला बनाते हैं। इनमें पराली का धुआं, ट्रैफिक, कंस्‍ट्रक्‍शन, हवाओं की दिशा और गति शामिल हैं।
AQI लेवल और सेहत का कनेक्‍शन समझ‍िए
 

एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) जैसे-जैसे ऊपर चढ़ता है, सांस लेने में दिक्‍कत बढ़ने लगती है। AQI 150 तक रहने पर संवेदनशील लोगों को ही परेशानी होती है। आम पब्लिक को खास नुकसान नहीं होता। हालांकि, AQI के इससे ऊपर जाने पर परेशानी बढ़ने लगती है। 200 से ऊपर AQI पर सबके लिए हेल्‍थ रिस्‍क बढ़ जाता है। 300 से ज्‍यादा AQI वाली हवा में सांस लेना बेहद खतरनाक हो जाता है।
दिल्‍ली में आगे क्या रहने वाले हैं हालात
 

नवंबर पूरे साल का सबसे प्रदूषित महीना होता है। ऐसे में आने वाले समय में प्रदूषण की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। दिवाली भी इस बार कुछ लेट आ रही है। इसलिए नवंबर में एक से अधिक स्मॉग एपीसोड हो सकते हैं। सर्दियां अभी से अपना रंग दिखा रही हैं। इन हालात में आसार अच्छे नहीं दिख रहे हैं।

AQI बेहद खराब होने पर दिल्‍ली में लगती हैं ये पाबंदियां

  •     प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फ्रीस बढ़ेगी
  •     सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सर्विस बढ़ेगी
  •     आरडब्ल्यूए को अपने सिक्युरिटी गार्ड को इलेक्ट्रिक हीटर देने होंगे

आप भी सुधार सकते हैं हवा

  •     लोग पर्सनल वाहनों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट को महत्व दें।
  •     मंजिल तक पहुंचने के लिए कम भीड़ वाले रास्ते का चुनाव करें।
  •     अपने वाहन के एयर फिल्टर को मेंटेन रखें।
  •     डस्ट फैलाने वाली कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को अक्टूबर से जनवरी तक न करें।
  •     खुले में कचरा व बॉयो ईंधन न जलाएं।