नई दिल्ली.
राजधानी की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा लेने पर हालात चौकाने वाले नजर आए। ग्रैप के दूसरे चरण के नियम धूल व धुएं के गुबार में उड़ रहे हैं। रविवार को कई जगहों पर खुले में कूड़ा जलता दिखाई दिया तो कहीं पर सड़कों में धूल का गुबार उठता नजर आया। राजधानी में अभी धुंध छाई है और सवेरे का एक्यूआई 306 दर्ज किया गया है।
सबसे ज्यादा लापरवाही निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रक व कूड़ा जलने को लेकर बरती जा रही है। कई जगह सड़क किनारे खुले में निर्माण सामग्री को डाला जा रहा है। इससे सड़कों पर धूल उड़ रही है। यही नहीं नियमों को ताक पर रखकर निर्माण स्थलों के बाहर ही बेखौफ होकर सामग्री की लोड़िग-अनलोडिंग भी की जा रही है। ईदगाह के तिराहे, रानी झांसी रोड, आईटीओ की मुख्य सड़क, आरके पुरम सेक्टरर-एक कॉलोनी, दिलशाद गार्डन व शास्त्री पार्क समेत कई इलाकों की सड़कों के किनारे कूड़ा जलता दिखा।
बेखौफ होकर कूड़ा जला रहे लोग
ईदगाह तिराहे व रानी झांसी रोड में लोग बेखौफ होकर कूड़ा जला रहे हैं। इससे आसपास के क्षेत्र में धुआं-धुआं दिखा। यही नहीं सड़क किनारे कूड़े के जलने से आने-जाने वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रानी झांसी रोड के पास डीडीए फ्लैट में रहने वाले निवासी यश कहते हैं कि यहां रोज सुबह कूड़े पर आग लगा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यह स्थिति बीते तीन-चार दिनों से है। इससे यहां शाम के समय लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। वहीं, ईदगाह के पास दुकानदार मोहित ने बताया कि यह रविवार सुबह से जल रही है। जिससे दोपहर तक धुआं निकल रहा है। वह कहते हैं कि उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली सरकार के पोर्टल में भी की है। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
जामिया नगर, ओखला रोड, जामिया नगर पुलिस थाने के सामने ही धूल के गुबार उड़ते दिखे। यहां तक ही पुलिसकर्मी भी इस समस्या से परेशान हैं। जामिया नगर के निवासी मोहम्मद शाजिम ने बताया कि कई बार इस धूल को लेकर निगम पार्षद व विधायक से शिकायत की गई है। यही नहीं सोशल मीडिया में भी मुहिम चलाई गई, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। वह कहते हैं यहां से बिना मास्क पहने निकला दूभर है। वहीं, ओखला रोड निवासी रिजवान कहते हैं कि क्या केवल मुख्य इलाकों की सड़क पर ही ग्रैप के नियम लागू हो रहे हैं।
निर्माण सामग्री को बिना ढके ट्रक से ले जा रहे
सरोजनी नगर में राजमाता विजयराजे सिंधिया मार्ग के पास निर्माण सामग्री लादे कई ट्रक बिना ढके आवाजाही करते नजर आए। यहां किसी भी ट्रक में तिरपाल लगा नजर नहीं आया। इसी तरह का हाल नेताजी नगर में भी देखने को मिला। जैसे ही ट्रक तेजी से चल रहे थे, तो उन से धूल धीरे-धीरे उड़ती दिखाई दी। इससे इनके पीछे आने वाले वाहनों को धूल का सामना करना पड़ रहा है। यहां कोई भी एंटी स्मॉग गन का भी उपयोग होता नजर नहीं आया। नेताजी नगर में लाल बिल्डिंग में रहने वाले अमित यादव कहते हैं कि निर्माण कार्य हो तो रहा है, लेकिन नियमों का कोई पालन नहीं कर रहा है। इससे बच्चों से लेकर बुजुर्गों को अधिक परेशानी हो रही है।
रेस्तरां-ढाबों में कोयले से पक रहा खाना
पुरानी दिल्ली के कई रेस्तरांओं व छोटे ढाबों में अब भी कोयले से खाना बन रहा है। इससे निकलने वाला धुआं आस-पास से गुजरने वालों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। मीर दर्द रोड पर खुले में ही कोयले में खाना पकाते कई रेस्तरां संचालक दिखे। मीर दर्द रोड में सरकारी फ्लैट में रहने वाले दीपक दुबे कहते हैं कि नियम लागू हो गए हैं, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है। यह लोग खुले में ही खाना कोयले में ही बना रहे हैं। इन लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।