Home राजनीति निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे हर्षवर्धन

निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे हर्षवर्धन

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 बुरहानपुर

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा और कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। लिस्ट सामने आने के बाद से ही दोनों ही दलों में बगावत के सुर तेज हो गये हैं। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में बीजेपी ने पूर्व केबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस को अपना प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं अब बीजेपी के टिकट की दावेदारी कर रहे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खंडवा के दिवंगत सांसद नन्द कुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन ने अर्चना चिटनीस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

भोपाल से वापस बुरहानपुर पहुंचते ही उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया, तो वहीं हर्षवर्धन चौहान भी भाजपा की अधिकृत केंडिडेट अर्चना चिटनीस पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते नजर आए। उनके समर्थकों की माने तो हर्षवर्धन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि हर्षवर्धन ने फिलहाल इसका फैसला जनता पर छोड़ा है। अगर हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हैं तो बुरहानपुर सीट से बीजेपी का गणित बिगड़ सकता है।

भाजपा द्वारा अर्चना चिटनीस को टिकेट दिए जाने पर खंडवा सांसद और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान सहित बुरहानपुर के पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला ने खुल कर विरोध किया है। रविवार शाम भोपाल से बुरहानपुर पहुंचे हर्षवर्धन चौहान का उनके समर्थकों ने जमकर स्वागत किया, साथ ही उन्होंने पार्टी से मांग की है कि टिकट में परिवर्तन करते हुवे हर्षवर्धन सिंह को दिलाया जाये अन्यथा उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ाया जायेगा।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह लगातार दूसरी बार निमाड़ के साथ फरेब हुआ है, लगातार दूसरी बार धोखे में रखा गया है। इसके साथ ही बीजेपी प्रत्याशी अर्चना चिटनीस पर निशाना साधते हुवे उन्होने कहा कि पहले ही इनके (आला कमान) द्वारा कहा गया था कि हारे हुए कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया जाएगा, वह भी जो निर्दलीय से हारे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप हैं। ऐसे लोगों को टिकट मिल गया है।

हालांकि आगे की रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तो वह शहर में आए ही हैं। अब सबसे चर्चा करेंगे और वे तो जनता के सेवक हैं, और जो मालिक यानी जनता कहेगी वही वे यानी सेवक करेंगे। वहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर से कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह जरूर वही करेंगे जो जनता कहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक उन्हें मनाने के लिए किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया है, और ना ही उन्होंने किसी से बात करना उचित समझा।