- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सपत्नीक महानवमी पर 350 से अधिक कन्याओं पूजन कर पांव पखारे
- कन्याभोज कार्यक्रम में भोपाल शहर के सभी 6 विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी रहे मौजूद
- बेटियों से भेदभाव वाली मानसिकता भुला दें, मां, बहन, बेटियों का सम्मान करें
- बेटियों के प्रति समाज भी अपना कर्तव्य निभाए, हम कन्याओं में साक्षात देवियों को देखते हैं
- जहां मां, बहन,बेटियों का सम्मान होता है, वहां भगवान निवास करते हैं
- बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के लिए हमने अनेकों कदम उठाए हैं
- बहनों को संसद और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देने पर प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद
- मां, बहन, बेटी की प्रगति के बिना प्रदेश प्रगति नहीं कर सकता
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया – शिवराज सिंह चौहान
भोपाल
बेटियों से भेदभाव वाली मानसिकता भुला दें। मां, बहन, बेटियों का सम्मान करें। जहां मां, बहन, बेटियों का सम्मान होता है, वहां भगवान निवास करते हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार ने प्रदेश में स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी का धन्यवाद। बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के लिए भाजपा सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। बहन-बेटियों की प्रगति के बिना प्रदेश प्रगति नहीं कर सकता। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास में कन्या पूजन और कन्या भोज के वृहद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री निवास में महानवमी के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान के साथ लगभग 350 कन्याओं के पांव पखार कर उनका पूजन किया। मुख्यमंत्री और श्रीमती साधना सिंह ने अपने हाथ से कन्याओं को भोजन परोसा और खिलाया। इस मौके पर देश व प्रदेश वासियों को नवरात्रि व महानवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, हमने 9 दिन मां की उपासना की, आज कन्याएं यहां आई हैं, ये कन्या नहीं हैं, बेटियां हैं। हम इनमें साक्षात देवियों को देखते हैं। भारतीय संस्कृति में हमेशा बहन-बेटियों और स्त्रियों का स्थान बहुत ऊंचा रहा है। जहां मां-बहन और बेटी का सम्मान होगा वहां भगवान निवास करेंगे। कार्यक्रम में भोपाल शहर की सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों के भाजपा प्रत्यायाशी भी उपस्थित थे।
बहन-बेटियों से भेदभाव की मानसिकता भुला दें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि, मैं रोज कोई भी कार्यक्रम करता हूं तो सबसे पहले बेटियों के पैर धोता हूं, पूजा करता हूं यह केवल कर्मकांड नहीं है, यह समाज को संदेश हैं कि, बेटियों का सम्मान करो उनको समाज में स्थान दो। स्त्री और पुरुष दोनों का धरती के संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। वो अधिकार उन्हें मिलना चाहिए वो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए और इसलिए हम योजनाओं के माध्यम से भरपूर प्रयास कर रहें है। लेकिन बहन-बेटियों के साथ भेदभाव वाली मानसिकता को पूरी तरह भुलाना होगा। हम अपनी बहन-बेटियों का मान-सम्मान करेंगे और उनको स्थान देंगे। शिक्षा के क्षेत्र में हमने कई कदम उठाए हैं। आगे हमारा संकल्प है कि बेटियों के लिए उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई पूरी तरह से निशुल्क हो। बेटियों के लिए अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह मेरी प्रार्थना है कि समाज भी अपनी ड्यूटी निभाएं।
बहनों को मजबूर नहीं, मजबूत बनाना है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं यह संदेश देना चाहता हूं, कि, मां-बहन और बेटी के आगे बढ़े बिना देश-प्रदेश प्रगति नहीं कर सकता। भाजपा सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह योजना, स्थानीय निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण, संपत्ति खरीदें तो स्टांप शुल्क कम लगना, पुलिस में बेटियों की भर्तियां ऐसे कई प्रयास किए हैं। बहनों को मजबूर नहीं मजबूत बनाने का काम करना है। चौहान ने कहा कि बहुत तकलीफ होती है जब दुराचार जैसी घटनाएं होती हैं। जो हमारी आत्मा को हिला देती है। बेटियों के प्रति समाज का यह कैसा दृष्टिकोण है। समाज को आत्म अवलोकन की जरूरत है। सरकार अपना काम करेगी, लेकिन समाज को भी अपना काम करना पड़ेगा। संसद और विधानसभा में बहनों को 33 प्रतिशत आरक्षण देने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
भाजपा प्रत्याशी भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में भोपाल शहर के छह भाजपा प्रत्याशी भी उपस्थित रहे। इस वृहद कार्यक्रम में कन्याओं के पूजन और स्वागत-सत्कार के साथ-साथ भजन मंडलियों द्वारा भजनों की मनमोहक प्रस्तुति भी दी गई। गौरतलब है कि, महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने कई कदम उठाए हैं। प्रदेश में 44 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी बेटियां और 1 करोड़ 32 लाख से अधिक लाड़ली बहनें हैं। हमारी सरकार ने आज बेटियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के अनेकों कदम उठाएं हैं।