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तुष्टिकरण की राजनीति के कारण सनातन धर्म का अपमान कर रहे केजरीवाल : भाजपा

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नई दिल्ली
 भाजपा ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तुष्टिकरण की राजनीति के कारण सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है। विपक्षी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'घमंडिया फाइल्स' अभियान चला रही भाजपा ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर घमंडिया फाइल्स का नौवां एपिसोड जारी कर आम आदमी पार्टी और इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा।

भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 6 मिनट 6 सेकंड का वीडियो शेयर कर लिखा, " तुष्टिकरण की राजनीति में अंधे होकर सनातन धर्म का अपमान करने से भी नहीं चूक रहे अरविंद केजरीवाल। घमंडिया फाइल्स के नौवें एपिसोड में देखिए 'आप' का तुष्टिकरण'…" भाजपा ने वीडियो में आरोप लगाया कि," खुद को आम आदमी कहकर सत्ता हासिल करने वाले केजरीवाल आज देश के सबसे बड़े वीआईपी बन चुके हैं। करोड़ों के शीशमहल में रहने वाले और सुरक्षा में दो राज्यों की पुलिस रखने वाले अरविंद केजरीवाल तुष्टिकरण की राजनीति में इस कदर अंधे हो चुके हैं कि वह एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए सनातन का अपमान करने में भी नहीं चूकते हैं। आम आदमी पार्टी में सनातन का अपमान करने वालों में सबसे आगे अरविंद केजरीवाल ही हैं।

केजरीवाल ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया था और अपनी नानी की कहानी के माध्यम से राम मंदिर में पूजा नहीं करने के संकेत दिए थे। राम मंदिर निर्माण में देरी का मजाक उड़ाने वालो में भी केजरीवाल सबसे आगे थे और अपने कार्यक्रमों में राम मंदिर बनने का मजाक उड़ाते थे। एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए केजरीवाल ने हिंदू संगठनों को आतंकवाद से जोड़कर बदनाम करने की भी कोशिश की थी। उनकी राह पर चलते हुए ही आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने विवादित बयान देते हुए रामचरितमानस का बहिष्कार करने की मांग की थी, इससे पहले राजेंद्र पाल गौतम हिंदू देवी देवताओं का अपमान भी कर चुके है।

केजरीवाल एक धर्म विशेष के लोगों को सभी के टैक्स के पैसे से सैलरी देते हैं। जबकि अन्य धर्म पर कोई ध्यान नहीं देते हैं और उनका अपमान तक करते हैं। वह दिल्ली को हिंसा की आग में झोंकने वाले नेताओं का भी बचाव करते हैं। भारत में शरिया कानून लागू करने की बात करने वाले लोगों का समर्थन करने से यह लगता है कि केजरीवाल भी भारत में शरिया कानून ही लागू करना चाहते हैं। अगर केजरीवाल के हाथ में दिल्ली की पूरी कमान होती, तो केजरीवाल अपने गुंडे नेताओं को मसीहा बना देते। ऐसे केजरीवाल अब घमंडिया गठबंधन में शामिल होकर देश की सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं लेकिन देश की जनता उनका सपना पूरा नहीं होने देगी।"