दुर्ग । ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह की मर्डर मिस्ट्री सुलझी, तो पुलिस भी सन्न रह गयी। ट्रांसपोर्ट कारोबारी का हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि पुलिस कांस्टेबल ही निकला। हत्या की वजह अवैध संबंध का शक बताया जा रहा है। इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा आईजी रतनलाल डांगी और एसपी पांडेय की मौजूदगी में आज दुर्ग पुलिस ने किया। दरअसल पुलिस इस पूरे मर्डर मिस्ट्री को कारोबारी विवाद से जोड़कर देख रही थी। लिहाजा इस हत्या की जांच की दिशा उसी दिशा में मुड़ी हुई थी। इस मिस्ट्री को सुलझाने के लिए सुरज के साथ कारोबारी संबंध रखने वाले दर्जनों लोगों से पूछताछ की गयी थी। वहीं घर आने जाने वाले लोगों के अलावा कुछ काम करने घर आने वाले लोगो से भी पूछताछ की गई थी। आईजी डांगी और एसपी प्रखर पांडेय ने लगातार केस की डेवलोपमेन्ट पर नजर बनाये रखी। पुलिस ने इस दौरान सीसीटीवी के जरिये भी सुराग तलाशने की कोशिश की। पुलिस लगातार पूछताछ कर रही थी। इस दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े 132 लोगों से पूछताछ की गई, वहीं ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह के घर के आसपास रहने वाले एवं मृतक के घर कार्य करने वाले 73 महिला एवं पुरूष से पूछताछ की गई। सुराग नहीं मिलते देख पुलिस ने 5 हजार रुपये के पुरस्कार का एलान किया था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मृतक सूरज सिंह का संबंध खुसीर्पार में ही रहने वाले आरक्षक रामप्रकाश यादव से था। वो आरक्षक रामप्रकाश के घर भी आया जाया करता था। का मृतक सूरज सिंह के यहां आनाजाना बना था। घटना के दिन आरक्षक को मृतक सूरज सिंह के साथ देखा गया था। जिसके बाद आरक्षक रामप्रकाश यादव से पूछताछ की गई, जिसमें रामप्रकाश यादव ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। लगातार पूछताछ करने पर अन्तत: आरक्षक रामप्रकाश यादव ने बताया कि वह अपनी पत्नी पर शक करता था। जिसकी वजह से मानसिक तनाव में रहता था । इसलिए उसने सूरज सिंह की हत्या कर दी। घटना का वक़्त सूरज घर पर अकेला था। लोहे के हथौड़े से मृतक के सिर पर मारकर उसने हत्या की थी। हत्या के बाद लोहे के हथौड़े और मोबाइल को टैंक में फेंक दिया है। घटना स्थल के निरीक्षण एवं मृतक सूरज सिंह के सिर में आई चोंटों के प्रकार से घटना में रामप्रकाश के अतिरिक्त अन्य लोगों के सम्मिलित रहने की संभावना को देखते हुए एक टीम राज्य के बाहर भेजी गई है।