रायपुर
राजधानी में दो राशन दुकान 441001104 और 441001106 जय अम्बे प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार द्वारा हर महीने 300- 300क्विंटल चांवल की हेराफेरी की दो दो बार जांच किए जाने के बाद भी कार्यवाही न होने पर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर से आदेश करवाने के बाद अंतत: संचालनालय के अधिकारियों ने दो साल बाद एफ आई आर के आदेश जारी कर दिया है। शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रस्तुत किया।
मधुसूदन मिश्रा ने बताया कि 19जून 2021 को खाद्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन को लिखित शिकायत किया गया था कि नरेश बाफना, उनके पुत्र सौरभ बाफना और पत्नी चंचल बाफना द्वारा फर्जी तरीके से जय अम्बे प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार के सदर बाजार स्थित सहकारी बैंक के खाता क्रमांक624003073031 का अवैध संचालन कर राशि जमा कर दो राशन दुकानों का फर्जी संचालन किया और हर महीने। बड़ी मात्रा में चांवल की हेराफेरी की।
20सितंबर 2020को खाद्य निरीक्षकों द्वारा जांच कर रिपोर्ट देने के बावजूद तत्कालीन फूड कंट्रोलर अनुराग सिंह भदौरिया ने प्रकरण को दबा दिया। इस फर्जी उपभोक्ता भंडार के संचालक नरेश बाफना ने खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी से मिलकर एफ आई आर के आदेश को दो साल तक दबवाए रखा। अंतत: शिकायतकर्ता को उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण लेना पड़ा। उच्च न्यायालय के द्वारा एफ आई आर के आदेश दिए जाने के बाद तीन माह तक संचालनालय में फाइल को दबा कर रखा गया। अंतत: नरेश बाफना, सौरभ बाफना और श्रीमती चंचल बाफना के खिलाफ एफ आई आर के आदेश खाद्य संचालक जितेंद्र शुक्ला द्वारा कलेक्टर रायपुर को 13/10/2023 को भेज दिया गया है।मधुसूदन मिश्रा ने जांच के बावजूद कार्यवाही न करने और फाइल को दबाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है।