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प्रतिबंधित कंपनी क्यू-नेट के सरगना सहित 17 आरोपी गिरफ्तार

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जयपुर.

भारत में प्रतिबंधित हांगकांग बेस्ड एमएलएम कंपनी क्यू-नेट, विहान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जयपुर स्थित विद्याधर नगर थाना पुलिस ने मुख्य सरगना विनोद सारण सहित 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से तीन लग्जरी कारें जब्त की गई हैं। इसके अलावा पुलिस ने दो लैपटॉप, एक आईपैड, 20 महंगे मोबाइल, कई बैंकों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड, हिसाब-किताब की कई डायरियां और ठगी के तरीके सीखने की कई किताबें बरामद की हैं।

पुलिस की प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि आरोपी, जयपुर शहर में अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों को कंपनी से जोड़कर निवेश के बदले प्रोडेक्ट खरीदने और कंपनी के लिए काम करने पर अपना व्यापार शुरू करने का झांसा दे रहे थे। शतिर आरोपी, लोगों को कम समय में अमीर होने का प्रलोभन देकर, महंगी और ऐशोआराम से जिंदगी जीने का सपने दिखाकर कर ठगी कर रहे थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

मुख्य आरोपी, पार्टनर समेत 17 गिरफ्तार
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने बताया कि विद्याधर नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी विनोद कुमार सारण, उसके सबसे करीबी पार्टनर प्रेमानंद सागवान, जयपुर गैंग के लीडर अमोल शिवाजी कदम्ब, उज्जवल विश्वास (सक्रिय लीडर) राहुल विलास खरात (नया लीडर) को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने पप्पू राजाराम जाधव, कृष्णा भव साहेब, मिसाल माधव यशवंत बनसोडे स्वपन बर्मन पलस सरकार, शुभम, विठल श्रीराम आगलावे, राजपुरे सुनिल शहादेव, सिद्वेश महेश पडवेकर, अजेश खान, परमजीत और नागेश्वर को भी हिरासत में लिया है। गिरफ्तार आरोपी भारत में प्रतिबंधित कंपनी क्यू-नेट, विहान का सदस्य-डीलर-एजेंट बनकर स्वयं के लाभ के लिए पिरामिड-चैन सिस्टम बना कर अन्य लोगों को रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। साथ ही कंपनी का माल खरीदने, कंपनी में काम करने लिए आमजन का ब्रेनवॉश कर उनसे ठगी कर रहे थे। इस प्रतिबंधित कंपनी के लिए पोंजी स्कीम के तहत डायरेक्ट सेलिंग चेन सिस्टम चलाकर, लोगों से करोड़ों रुपये प्राप्त कर कोई मुनाफा नहीं दिया जाता है। रुपये के बदले कंपनी से माल खरीदने के लिए लोगों को बेवकूफ बनाकर लोगों से 50 हजार से 2 लाख तक रुपये तक जमा करवाए जाते हैं। साथ ही अधिक से अधिक सामान बेचने पर कमीशन मिलने का झांसा देकर बाजार रेट से काफी अधिक रुपयों में कंपनी का सामान खरीदने को मजबूर किया जाता है।

महंगी लाइफस्टाइल दिखाकर करते थे धोखा
कंपनी के एजेंटों द्वारा महंगी लाइफस्टाइल, विदेशी दौरों की रील्स बनाकर इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब पर अपलोड कर, महंगे कपड़े, घड़ी, मोबाइल, चश्मा आदि पहनकर, अलग अलग मोटिवेशनल वीडियो दिखाकर, कंपनी के पदाधिकारियों द्वारा महंगे होटल में सेमिनार आयोजित कर भोले-भाले लोगों को प्रभावित कर कंपनी से जुड़ने का लोभ दिया जाता है। इसके चलते कम आमदनी के लोग, सॉफ्टवेयर कर्मचारी, बेरोजगार युवा और गृहणियां आदि  प्रभावित होकर 50 हजार से दो लाख तक की अलग-अलग स्कीमों में निवेश कर देते हैं।

बाजार रेट से पांच से 20 गुना महंगा सामान
निवेश की गई राशि के बदले बाजार रेट से पांच से 20 गुना महंगा सामान दिया जाता है। इसके चलते ठगी के शिकार व्यक्ति, ठगी का अहसास होने पर स्वयं के जानकार, दोस्तों और रिश्तेदारों को कंपनी में जोड़कर ज्यादा कमीशन प्राप्त कर, खुद का पैसा निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे एक चैन सिस्टम बन जाता है। लोग स्वयं ठगी के शिकार होकर भी स्वयं के जानकार व्यक्तियों से उपरोक्त पोंजी स्कीमों में रुपये निवेश करवा रहे हैं। पीड़ित लोगों से प्राप्त अधिकतर रुपये विदेशों में जाता हैं। पीड़ितों को काफी सामान बेचने और काफी लोगों को जोड़ने पर भी निवेश किए गए रुपये वापस नहीं मिलते हैं।

गाड़ियां, लैपटॉप, महंगे मोबाइल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक मर्सिडीज, एक एमजी हेक्टर, एक कीया गाड़ी, 2 लैपटॉप, एक आईपैड, 20 महंगे मोबाइल, कई बैंकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड, हिसाब किताब की कई डायरियां और ठगी की कई किताबें बरामद की हैं। गिरफ्तार आरोपियों से उनके अन्य गैंग मेंबर्स और इस पोंजी स्कीमों के संबंध में गहनता पूछताछ की जा रही है।