रामपुर
आजम अब्दुल्ला (Abdullah Azam) के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में पूरे परिवार को सात साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें कोर्ट से सीधे जेल ले जाया गया। आजम खान और उनके बेट अब्दुल्ला आजम को बैरक नंबर 1 में रखा गया। वहीं आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को महिला बैरक में रखा गया। तीनों के लिए जेल में पहली रात बहुत मुश्किल रही। तनाव में डूबे तीनों ही लोगों ने रात का खाना नहीं खाया। अब खबर है कि आजम खान को सुरक्षा कारणों से अलग जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
आजम खान परिवार को बुधवार रात को जेल का ही खाना दिया गया था। पहले तंजीन फातिमा ने खाना खाने से इनकार किया। आजम खान और बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी खाना नहीं खाया। अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट मामले में यह सजा सुनाई गई है।
अब्दुल्ला आजम पर दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप लगा है। इनमें से एक प्रमाणपत्र रामपुर नगर पालिका से बना है और दूसरा लखनऊ नगर निगम से। आरोप है कि दोनों जन्म प्रमाणपत्रों का उपयोग सुविधानुसार किया जाता था। इस मामले में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी। सक्सेना के वकील ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ट्रांसफर अपील खारिज कर दी थी।
बचाव पक्ष को 16 अक्टूबर तक का समय कोर्ट ने दिया था। बाद में जब और अधिक समय मांगा गया तो कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद 16 अक्टूबर तक बचाव पक्ष के वकील कोर्ट में नहीं पहुंचे, न ही कोई अतिरिक्त समय नहीं मांगा या लिखित बहस शुरू की।