मुंबई
बाइक चलाते समय भारी ट्रैफिक के समय सबसे ज्यादा जोर हाथ और पैर पर पड़ता है, इसका सीधा कारण है क्लच और गियर… शहरी ट्रैफिक के बीच बाइक राइडिंग के दौरान गियर बदलते वक्त बार-बार क्लच को प्रेस करना काफी थकाउ होता है. लेकिन बहुत जल्द ही इस बड़ी समस्या से निजात मिल सकता है. दरअसल, जापानी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा एक बेहद ही ख़ास ई-क्लच (E-Clutch) टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, जिसमें ऑटोमेटेड क्लच सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. ये मोटरसाइकिल को क्लच-लेस गियर शिफ्टिंग की सुविधा देगा. यानी कि पारंपरिक बाइक ड्राइविंग का तरीका ही पूरी तरह से बदल जाएगा.
यह तकनीक कुछ हद तक iMT (इंटेलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन) गियरबॉक्स के समान है जो हमें हुंडई और किआ की कुछ कारों में देखने को मिलती है. इस iMT सिस्टम में क्लच नहीं होता है लेकिन फिर भी इसमें एक मैनुअल गियरबॉक्स मिलता है और यह क्लच को एक्टिव या इनएक्टिव करने के लिए गियर लीवर पर स्थित एक 'इंटेलिजेंट इंटेंशन सेंसर' का उपयोग करता है. हालाँकि, होंडा अपने इस टेक्नोलॉजी में क्लच को शामिल करेगा, लेकिन वो बस दिखाने के लिए दिया जाएगा.
Honda का दावा है कि यह मल्टी-गियर मोटरसाइकिल ट्रांसमिशन के लिए दुनिया का पहला ऑटोमेटिक क्लच कंट्रोल सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल मल्टी-गियर मोटरसाइकिल ट्रांसमिशन में किया जाएगा. इस टेक्नोलॉजी को डेवलप करने का मकसद यह है कि, बिना क्लच के इस्तेमाल के मोटरसाइकिल राइडिंग को आसान बनाया जा सके. ये तकनीक डेली कम्यूटर के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले मोटरसाइकिल की दुनिया के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी.
कैसे काम करता है E-Clutch:
होंडा ई-क्लच इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है जो सभी प्रकार की परिस्थितियों में सुचारू रूप से काम करने के लिए ऑटोमेटिक क्लच कंट्रोल सिस्टम की सुविधा देता है. दावा है कि ई-क्लच एक सवार के मैनुअल क्लच ऑपरेशन की तुलना में ज्यादा कम्फर्टेबल और गियर शिफ्टिंग को और भी आसान बनाता है. ई-क्लच सिस्टम में किसी भी मोटरसाइकिल की तरह एक मैनुअल क्लच लीवर ही मिलेगा लेकिन ये ऑटोमेटिक तरीके से काम करेगा. इसे मैनुअली भी ऑपरेट किया जा सकता है. ख़ास बात ये है कि चालक को गियर बदलने के लिए बार-बार क्लच दबाने की जरूरत नहीं होगी.