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इजरायल और हमास युद्ध: इजरायल के ‘खिलाफ’ उतरे सैकड़ों यहूदी, अमेरिका की सड़कों पर कर रहे ये मांग, कई गिरफ्तार

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 वाशिंगटन

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी भीड़ ने  वाशिंगटन डीसी में यूएस कैपिटल के अंदर कैनन रोटुंडा पर धावा बोल दिया। उन्होंने इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में तत्काल युद्धविराम की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, अभूतपूर्व प्रदर्शन के परिणामस्वरूप लगभग 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

युद्धविराम की वकालत करने वाले प्रदर्शनकारियों ने खूब बवाल मचाया। व्यवधान के बाद कैपिटल कॉम्प्लेक्स को बंद कर दिया गया था। विभिन्न समूहों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने "अब युद्धविराम" के नारे लगाए। इनमें यहूदी संगठनों के सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने "युद्धविराम" और "यहूदी कहते हैं, अब युद्धविराम" लिखी तख्तियां ले रखी थीं। प्रदर्शनकारियों के पास लाल अक्षरों में लिखा एक बैनर था। इस पर लिखा था, "हमारा खून एक ही रंग है।" उन्होंने फिलिस्तीनी झंडे लहराए, और पोस्टर भी उठाए हुए थे जिन पर लिखा था, "मेरा दुःख आपका हथियार नहीं है।" वहां यहूदी लोग प्रार्थना शॉल और किपोट पहने हुए थे। युवा कार्यकर्ता टैटू और नाक की बालियाँ पहने हुए थे। वे हेडस्कार्फ और फिलिस्तीनी चेकर्ड काले और सफेद स्कार्फ पहने हुए लोग भी थे।

जैसे ही विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, कैपिटल हिल के एक कर्मचारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पुलिस ने मुख्य प्रवेश और निकास द्वार के बजाय भूमिगत सुरंगों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। हाउस सार्जेंट-एट-आर्म्स ने बाद में संसद दफ्तरों को एक ज्ञापन जारी किया था। इसमें कहा गया है कि परिसर में प्रवेश को नियंत्रित करने के प्रयास में आगंतुकों के लिए केवल एक ही दरवाजा खोला जाएगा।  

प्रदर्शन की आहट लगते ही कैपिटल भवन को सुरक्षित करने के लिए एहतियाती उपाय किए गए। मंगलवार रात को कैपिटल के चारों ओर कई बैरिकेड लगाए गए थे। यह विरोध गाजा के अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट में 500 से अधिक फिलिस्तीनियों के मारे जाने के बाद हुआ। इस हमले को लेकर इजरायली और फिलिस्तीनी अधिकारियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। बड़े पैमाने पर यह प्रदर्शन इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस में हुई इसी तरह की घटना के बाद हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों गिरफ्तारियां भी हुईं। प्रदर्शनकारी 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से हजारों इजरायली और फिलिस्तीनी लोगों की जान जाने पर सामूहिक रूप से शोक मना रहे हैं।