नई दिल्ली
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भारत में भी बयानबाजी का दौर जारी है। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि दोनों का 'DNA' एक ही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बदल दिया है। सरमा ने कहा था कि शरद पवार बेटी को गाजा भेजेंगे। सुले ने कहा, 'मैं हैरान हूं, क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का DNA मेरे जैसा ही है। वह वास्तविक रूप से कांग्रेस से हैं। मुझमें और उनमें उसी कांग्रेस का डीएनए है।' उन्होंने कहा, 'आप जानते हैं कि भाजपा कैसे महिलाओं के प्रति अपमान करने वाला रवैया रखती है। लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीद थी।' उन्होंने कहा, 'मुझे देखकर हैरानी होती है कि कैसे रवैया महिलाओं की तरफ बदल गया। शायद भाजपा में जाने की वजह से ऐसा हुआ है। भाजपा IT सेल को यह समझना चाहिए कि शरद पवार ने क्या कहा था। उनका पूरा बयान सुनें।'
क्या बोले थे सरमा
फिलिस्तीन को लेकर दिए गए बयान पर सरमा ने पवार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया मैडम को हमास के साथ लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे।' पवार ने कहा था, 'पूरी जमीन फिलिस्तीन की है और इजरायल ने उनकी जमीन पर अतिक्रमण किया है। वो जगह, जमीन और घर सब फिलिस्तीन के थे और बाद में इजरायल ने इसपर कब्जा कर लिया था। इजरायल बाहरी है और जमीन फिलिस्तीन की है।'
फडणवीस भी हुए नाराज
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आतंकवाद की कड़ी निंदा करनी चाहिए। फडणवीस का कहना था कि इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर बात करते समय वोट-बैंक की राजनीति से दूर रहना चाहिए। पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि हमास-इजरायल युद्ध पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान विदेश मंत्रालय द्वारा व्यक्त किए गए विचार से अलग स्थिति बताते हैं।
फडणवीस ने 'एक्स' पर कहा, 'शरद पवार जी से मेरा अनुरोध है कि वह वोट-बैंक की राजनीति के बारे में न सोचें, बल्कि आतंकवाद की कड़ी निंदा करें।' भाजपा नेता ने कहा, 'इजरायल-फलस्तीन विवाद पर भारत ने कभी अपना रुख नहीं बदला है। हालांकि, साथ ही, भारत किसी भी रूप में और किसी के भी खिलाफ आतंकवाद का लगातार विरोध करता रहा है और इसका कड़ा विरोध करता है।' फडणवीस ने कहा, 'जब पूरी दुनिया ने इजरायल में निर्दोष लोगों की हत्या की निंदा की और भारत ने भी ऐसा ही किया, तो शरद पवार जी को भी आतंकवाद के खिलाफ उसी भाषा में बोलना चाहिए।'