Home राज्यों से उत्तर प्रदेश CO जियाउल हक हत्याकांड में CBI ने जांच शुरू की, राजा भैया...

CO जियाउल हक हत्याकांड में CBI ने जांच शुरू की, राजा भैया की मुश्किलें बढ़ेंगी

4

कुंडा

यूपी के बहुचर्चित सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई (CBI) ने जांच शुरू कर दी है. सीबीआई की टीम देर रात कुंडा के बलीपुर गांव पहुंची. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने दोबारा जांच शुरू की है. जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने कुंडा विधायक राजा भैया और उनके साथियों को क्लीन चिट दिए जाने पर सीबीआई को दोबारा जांच करने का आदेश दिया था. इसी सिलसिले में सीबीआई की टीम ने कल देर रात घटनास्थल का मुआयना किया. 

बता दें कि मार्च, 2013 में कुंडा के सीओ रहे जियाउल हक को भीड़ ने घेरकर बेरहमी से मार दिया गया था. वह बलीपुर गांव में प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद बिगड़ रहे हालात को कंट्रोल करने गए थे. उनको लाठी-डंडे से पीटने के बाद गोलियां भी मारी गई थीं. इस दौरान ही नन्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई थी.  

इस कांड को लेकर यूपी में जमकर बवाल मचा. क्योंकि, राज्य की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री और कुंडा से विधायक राजा भैया पर सीओ जियाउल हक की हत्या करवाने का आरोप लगा. राजा भैया पर ये आरोप लगाया था जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने. FIR में परवीन ने राजा भैया और उनके चार बेहद करीबी लोगों के नाम लिखवाए थे.  

जियाउल हक हत्या के मामले की जांच सीबीआई से 8 मार्च, 2013 से शुरू की. इस दौरान सीबीआई ने राजा भैया से लगातार दो दिनों तक लंबी पूछताछ की. उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी हुआ. काफी जांच-पड़ताल के बाद राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई. उनके खिलाफ ऐसे सबूत नहीं मिले जिससे उन पर केस चलाया जा सके. क्लीन चिट मिलने के बाद राजा भैया 19 अक्टूबर, 2013 को फिर अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. उन्हें फिर से खाद्य एवं रसद विभाग की जिम्मेदारी दी गई.

वहीं, सीबीआई ने राजा भैया समेत अन्य आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए 31 जुलाई 2013 को फाइनल क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में लगा दी. इसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था. लेकिन इनमें राजा भैया या उनके किसी भी करीबी का नाम नहीं था. रिपोर्ट देखते ही कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया. दरअसल, सीबीआई की इस क्लोजर रिपोर्ट को परवीन आजाद ने चुनौती दी थी. 

ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए CBI इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गई. दिसंबर 2022 में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. उसने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को मान्यता दे दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ परवीन आजाद सुप्रीम पहुंच गईं. मामले को सुनने के बाद बीते 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आदेश दिया कि CBI इस हत्याकांड में राजा भैया की कथित भूमिका की फिर से जांच करे. 

जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कुंडा के सीओ रहे जियाउल हक हत्याकांड की फिर से जांच करने बुधवार को सीबीआई टीम प्रतापगढ़ पहुंच गई. सीबीआई की टीम ने घटना स्थल बलीपुर गांव का निरीक्षण किया और जांच-पड़ताल भी की.