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राजधानी में आचार संहिता का असर, थाने में जमा होने लगे शस्त्र, इस बार दशहरे पर प्रतीकात्मक होगी पूजा

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भोपाल/इंदौर

 सनातन परंपरा में विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की परंपरा रही है। क्षत्रिय समाज के लोग इस विशेष दिन पर अपने शस्त्रों का पूजन करते हैं। सदियों पुरानी यह परंपरा वीरता के आदर और संस्कारों से जुड़ी हुई है। इस वर्ष दशहरा पर्व 20 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के पूर्व है। विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के चलते हथियारों के प्रदर्शन पर रोक है। जिला प्रशासन ने सभी लाइसेंसी हथियार थानों में जमा करने के निर्देश दिए हैं। 80 फीसदी हथियार अब तक जमा भी हो चुके हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने से पहले सभी लाइसेंसी हथियार-बंदूक, रिवाल्वर और राइफल आदि जमा करा लिए जाएं।

ऐसे में क्षत्रिय समाज के सामने दशहरा पर शस्त्र पूजन का संकट खड़ा हो गया है। इसके लिए अन्य विकल्पों पर विचार मंथन किया जा रहा है। कोई हथियारों के प्रतीक को रखकर पूजा करने की तैयारी में है तो कोई छोटी तलवार, भाला आदि रखकर पूजा की तैयारी कर रहा है। नवदुनिया ने क्षत्रिय समाज के लोगों से बातचीत कर जाना कि वे दशहरा पर शस्त्र पूजा कैसे करेंगे।

इंदौर जिले में विधानसभा निर्वाचन शांतिपूर्ण तथा व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए कलेक्टर द्वारा लाइसेंसधारियों के शस्त्र जमा कराए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

जिले में शस्त्र जमा किए जाने से छूट प्राप्त व्यक्तियों को छोड़कर शेष सभी लाइसेंसधारियों को 18 अक्टूबर तक अपने शस्त्र जमा करना अनिवार्य होगा। ऐसे में दशहरे पर शस्त्र पूजन के कार्यक्रम प्रभावित होंगे। इसको लेकर राजपूत समाज ने कलेक्टर जिला दंडाधिकारी डॉ. इलैया राजा टी से मुलाकात की और शस्त्र जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग की। कलेक्टर ने संभागयुक्त से चर्चा कर निर्णय लेने की बात कही हैं।

तारीख 25 अक्टूबर करने की मांग की

लाइसेंसी हथियार जमा करने को लेकर सोमवार को राजपूत समाज का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर (जिलाधीश) से मिला। ज्ञापन देकर आगामी त्यौहार दशहरा को देखते हुए हथियार जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग की। राजपूत समाज के साथ कई हिंदू संगठन और अन्य समाज में दशहरा पर्व पर शस्त्र पूजन किया जाता है। शास्त्रों में भी इसका उल्लेख किया गया है। धार्मिक आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए शस्त्र जमा करने की तारीख 25 अक्टूबर करना चाहिए।

जिलाधीश कलेक्टर द्वारा गंभीरता से बात को सुनी गई और आश्वासन दिया गया है कि संभागयुक्त से इस विषय पर चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह सोलंकी, जिला अध्यक्ष दुलेसिंह राठौड़, राजपूत क्लब सचिव रविप्रताप सिंह राणावत, उदय सिंह कुशवाह, भक्ति सिंह हाड़ा मुख्य रूप से उपस्थित थे।