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घर वापसी : पूर्व गृहमंत्री महेंद्र बौद्ध सिंह की कांग्रेस में वापसी, कमलनाथ ने सदस्यता दिलाई

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भोपाल

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। सूची जारी होने के बाद एक ओर कांग्रेस कार्यकर्ता आत्मविश्वास से लबरेज हैं वहीं अन्य दलों के नेताओं का कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को पूर्व गृहमंत्री महेंद्र बौद्ध समेत दर्जनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

 

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में महेंद्र बौद्ध सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। महेंद्र बौद्ध कांग्रेस सरकार में गृह और शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। प्रदेश में 2020 में हुए उप-चुनाव में भाण्डेर से कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगा था, पर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस से नाराज होकर बौद्ध ने पार्टी छोड़ दी थी और बीएसपी में शामिल हो गए थे। सोमवार को उनकी घर वापसी हुई।

बौद्ध के अलावा नरसिंहपुर के गाडरवारा विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी गौतम पटेल, राहतगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष पति और पार्षद ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। साथ ही निवाड़ी से उमेश यादव, नरसिंहपुर से गौतम पटेल, भोपाल से डॉ. आर. भारती, सागर से बृज बिहारी चौरसिया, सुसनेर से करण गुर्जर, रायसेन से भंवर लाल पटेल एवं चंदेरी से मुरारी लाल शर्मा कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि यह लोग सच्चाई के लिए कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के भविष्य को बचाने की लड़ाई है। जिसमें सभी लोग एकजुट हो रहे हैं।

उधर, सुरखी विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष आज राहतगढ़ (सुरखी) की नगर परिषद का विलय कांग्रेस में हो गया। नगर परिषद अध्यक्ष गोलू राय प्रियंका सहित अन्य पार्षदों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ 15 सदस्यीय परिषद में भाजपा के मात्र 5 सदस्य बचे। रविवार को प्रत्याशी घोषित हुए पूर्व जनपद एवं नगर परिषद अध्यक्ष नीरज शर्मा के साथ सभी पार्षदों एवं भाजपा के अन्य नेताओं ने कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्य्ता ग्रहण की। नीरज शर्मा द्वारा पिछले 2 महीनों में 250 से अधिक गांवों में सभाएं करने के साथ इस नगर पालिका राहतगढ़ के विलय का कदम परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कल ही राजपूत ने अपना चुनाव कार्यालय राहतगढ़ में खोला है।