बेंगलुरु
कर्नाटक इस समय सूखे की मार झेल रहा है। यही वजह है कि किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने केंद्र से 4860 करोड़ रुपये की मांग की है।
'किसानों को 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान'
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने रविवार को कहा कि इस साल सूखे की वजह से कर्नाटक के किसानों को 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य के 236 में से 216 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है।
'42 लाख हेक्टेयर फसल का नुकसान'
सिद्दरमैया ने ऐतिहासिक मैसूर दशहरा उत्सव के उद्घाटन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में 42 लाख हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही किसानों को इस साल 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के मानदंडों के अनुसार हमने केंद्र सरकार से 4860 करोड़ रुपये की मांग की है। केंद्रीय टीम ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। राज्य सरकार ने पहले 195 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था। हालांकि, अब फिर इनकी संख्या 216 हो गई है। कैबिनेट उपसमिति ने बैठक के बाद 21 और तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया है।
'फसलें तो उग गईं, लेकिन पैदावर नहीं हुई'
सिद्दरमैया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पीने के लिए पानी, चारे, मवेशियों के लिए पानी, रोजगार और अन्य राहत उपायों के लिए इनपुट सब्सिडी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस साल फसलें तो उग गई हैं, लेकिन पैदावर नहीं हुई है। यही वजह है कि किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।