जैसलमेर.
फ्रांस से 17 महिलाओं का समूह इस समय राजस्थान का दौरा कर रहा है। इस समूह ने पितृ पक्ष में जैसलमेर में अपने दादा-दादी और नाना-नानी के लिए श्राद्ध किया। उनकी आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना की। महिलाओं का ग्रुप जैसलमेर में था। श्राद्ध पक्ष का महत्व जानने के बाद गड़ीसर लेक में तर्पण की क्रिया की। पूर्वजों की आत्मा की शांति की कामना की। गड़ीसर लेक में उन्होंने श्राद्ध की सभी रस्मों को पूरा किया। ग्रुप की लीडर सनड्रीन ने बताया कि हमने गड़ीसर लेक पर श्राद्ध होते हुए देखा।
हमने इस बारे में गाइड से पूछा। गाइड ने सभी को श्राद्ध पक्ष की जानकारी दी। तब हम सभी ने इस रीति-रिवाज को पूरे मन से करने की ठानी। जैसलमेर के पंडित आनंद रामदेव ने गड़ीसर लेक पर तर्पण कराने की व्यवस्था की। ग्रुप की सभी महिलाओं ने अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया। महिलाओं का कहना था कि इसके बाद वे काफी शांत महसूस कर रही हैं। पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी। इसे लेकर काफी पॉजिटिव फील कर रही हैं। पंडित आनंद रामदेव ने बताया कि जब विदेशियों ने तर्पण और श्राद्ध की बात की तो हमें भी अपनी संस्कृति पर बड़ा गर्व हुआ। विदेशियों में श्राद्ध तो होते नहीं है। विदेशी महिलाओं के लिए श्राद्ध की सभी सामग्री जुटाई गई। फिर सनातन धर्म के अनुसार श्राद्ध का पूरे मंत्रोच्चार के साथ तर्पण करवाया गया। इन महिलाओं में से एक सनड्रीन ने बताया कि सभी श्राद्ध कर भावुक थी। उनके मन में जो बोझ था, वह उतर गया। पितरों का तर्पण कर सभी का मन शांत हो गया।