जयपुर.
राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव किया गया है। अब 25 नवंबर शनिवार को मतदान होगा। 30 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी, छह नवंबर तक नामांकन, सात नवंबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नौ नवंबर तक नाम वापस लिया जा सकता है। दरअसल, इससे पहले 23 नवंबर को मतदान की तारीख का एलान किया गया था। इसी दिन देवउठनी एकादशी भी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष की इस एकादशी का विशेष महत्व माना गया है।
देवउठनी ग्यारस या ड्योठान के दिन ही भगवान विष्णु चार माह की लंबी निद्रा से जागते हैं। इसी दिन से बड़े पैमाने पर विवाह समेत सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इसी दिन राजस्थान में खाटू श्याम जी का मेला भी होना है। इसे देखते राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने चुनाव आयोग से तारीख बदलने की अपील की थी। जिस पर विचार करने के बाद आयोग ने मतदान की तारीख दो दिन आगे बढ़ाते हुए 25 नवंबर कर दी है।
प्रदेश में होनी है 50 हजार शादियां
23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त है। इस दिन से चार महीने से बंद पड़े शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। ऐसे में इस दिन प्रदेश में 50 हजार शादियां होने की संभावना है। जिससे इस दिन चुनाव होने से वोटिंग प्रतिशत घटने की भी आशंका जताई जा रही थी।
इन परेशानियों का भी करना पड़ता सामना?
चुनाव कराने के लिए परिवहन विभाग बस, जीप, कार, टेंपो, पिकअप और ट्रक समेत सभी वाहनों का अधिग्रहण करता। दूसरी तरफ शादी में बारात ले जाने के लिए भी बस और कारों समेत अन्य वाहनों की जरूरत होती। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि जब वाहन चुनाव में बुक होंगे तो बारात कैसे ले जाई जाएगी। प्रदेश में करीब 20 लाख लोग शादी कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। टेंट कारोबारी, इवेंट मैनेजर, बैंड, कोरियोग्राफर, कैटरस, राशन विक्रेता तो सीधे तौर पर इससे जुड़े हैं। ये कारोबारी साल भर देव उठानी एकादशी जैसे बड़े मुहूर्त का इंतजार करते हैं। 23 को मतदान होने से ये सब प्रभावित होते। 23 नवंबर को चुनाव होने से सबसे बड़ी चिंता ये थी कि शादियों और मेले के कारण वोटिंग प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था।