रांची.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल होने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इस संबंध में मरांडी ने गवर्नर को पत्र लिखा है। पत्र में मरांडी ने कहा है कि समाचारों से स्पष्ट है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल है। ऐसे में तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं। यदि ऐसा असहयोग जारी रहता है तो राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की जाए।
मरांडी नेे कहा है कि मनी लाउंड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही जांच एजेंसियों के अनुरोध के प्रति सरकार उदासीन है। जांच एजेंसियां 2022 से मुख्य सचिव कार्यालय को लगातार पत्र लिख रही हैं और कार्रवाई का अनुरोध कर रही हैं पर सरकार उदासीन है। मुख्य सचिव कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामलों में अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध को छोड़ दस से अधिक मामले लंबित हैं। कई में जांच एजेंसियों ने सबूत दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री को भी लिखा था, पर जवाब नहीं मिला।
सरकार को अपदस्थ करने का रोज सपना देख रहे बाबूलाल: झामुमो
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन संबंधी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मांग पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल रोज सरकार को अपदस्थ करने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता आजकल केंद्रीय एजेंसियों का प्रवक्ता बन घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल ने जनता द्वारा चुनी गई सरकार को अपदस्थ करके राष्ट्रपति शासन की मांग कर यह प्रमाणित कर दिया है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। मरांडी को चुनावी मैदान में ताकत का परिचय देना चाहिए। जनता की अदालत में सब तय हो जाएगा। झामुमो नेता ने कहा मरांडी जब से भाजपा में गए हैं, तब से मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। उन्हें हेमंत फोबिया हो गया है। वह राज्यभर में दौरा कर अनाप-शनाप बोल रहे हैं। झामुमो नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में जनता ने भाजपा को नकार दिया था।