उज्जैन
धार्मिक नगरी उज्जैन में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को तो पुलिस ने पहले ही सुलझा दिया था, जिसमें आरोपी भरत सोनी को गिरफ्तार करने के साथ ही उसके नानाखेड़ा क्षेत्र स्थित अवैध मकान को भी गिरा दिया गया था। जब कि दुष्कर्म पीड़िता का उपचार इंदौर के एमटीएच अस्पताल में जारी था। दुष्कर्म की इस घटना के बाद नाबालिक डरी हुई थी.
यही कारण था कि उसकी सुरक्षा व्यवस्था कुछ ऐसी चाक चौबंद रही की डॉक्टरों के अलावा अन्य किसी को भी उसके पास जाने की अनुमति नहीं थी। मंगलवार शाम को अस्पताल द्वारा एक मेडिकल बुलेटिन जारी की गई, जिसमें बताया गया कि बालिका पूरी तरह स्वस्थ है उसे अब कोई भी परेशानी नहीं है इसके बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर उसके परिवार के पास सतना भेजा गया है।
इस पूरे मामले में केस के इंचार्ज डॉ. निलेश दलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बालिका अब पूरी तरह स्वस्थ है उसके घाव भरने लगे हैं और टांके भी कट चुके हैं, उसे अब किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है जिसके लिए उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब वह अपने परिवार के पास सतना पहुंच चुकी है। जब पीड़िता को अस्पताल में भर्ती किया गया था तब उसकी हालत ज्यादा गंभीर थी। वह लोगों को देखकर डर जाती थी।
जिस पर हमने कुछ ऐसी व्यवस्था की थी, जिससे कि हर कोई व्यक्ति उसके पास ना पहुंच पाए। अस्पताल में बालिका के आसपास अच्छा माहौल क्रिएट किया और उसके बाद धीरे-धीरे उसका डर दूर भगाया। यही कारण है कि दवाओं के साथ ही एक अच्छे वातावरण में बालिका जल्द से जल्द स्वस्थ हो गई। बताया जाता है कि बालिका को डिस्चार्ज करने के पूर्व न्यायालय व प्रशासन से भी मार्गदर्शन दिया गया था, जिनकी सहमति के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया गया है।