हजारीबाग.
कोयलांचल के गैंगस्टर व सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड के सजायाफ्ता विकास तिवारी को मदद पहुंचाने के मामले में हजारीबाग के जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। कोयलांचल के गैंगस्टर व सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड के सजायाफ्ता विकास तिवारी को मदद पहुंचाने के मामले में हजारीबाग के जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।वहीं सीआईडी ने विकास तिवारी को जेल ट्रांसफर के आदेश पर रोक के हाईकोर्ट के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार को पत्र भेजा है।
खबर में बताया गया था कि हजारीबाग के जेल अधीक्षक की मिलीभगत से गैंगस्टर का ट्रांसफर नहीं हो पाया। सीआईडी ने पूरे मामले में पड़ताल की, इसके बाद गैंगस्टर को मदद पहुंचाने के संदिग्ध जेल अधीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया। सुशील श्रीवास्वत हत्याकांड में गैंगस्टर विकास तिवारी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 4 अगस्त 2015 से वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में बंद है। जेल अधीक्षक ने 16 मई को डीसी व एसपी हजारीबाग को पत्र लिखकर प्रशासनिक आधार पर जेल से स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। इस पत्र में बताया गया कि विकास तिवारी के हजारीबाग जेल में रहने से वहां गैंगवार व अप्रिय घटना होने की आशंका है। इस पत्र के आलोक में हजारीबाग डीसी ने विकास तिवारी व अमन सिंह को प्रशासनिक आधार पर किसी अन्य कारा में स्थानांतरित करने का अनुरोध जेल आईजी से किया, लेकिन इसके तीन दिन बाद ही 19 मई को कुमार चंद्रशेखर ने विकास तिवारी का कस्टडी सर्टिफिकेट जारी कर अंतिम पारा में लिख दिया कि विकास तिवारी का चरित्र जेल में संतोषजनक है। इसके बाद इस पत्र को विकास तिवारी के अधिवक्ता निरंजन तिवारी को भी भेज दिया गया। जिसके बाद विकास तिवारी ने जेल स्थानांतरण के आदेश को चुनौती दे दी।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
विकास तिवारी ने झारखंड सरकार व अन्य को वादी बनाते हुए हाईकोर्ट में जेल आईजी के जेल स्थानांतरण के आदेश को चुनौती दे दी। जेल आईजी ने विकास तिवारी का स्थानांतरण प्रशासनिक दृष्टिकोण से दुमका जेल करने का आदेश 17 मई को जारी किया था, लेकिन जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर के द्वारा जारी कस्टडी सर्टिफिकेट के आधार पर जेल ट्रांसफर के आदेश को रद्द कर दिया गया। इस संबंध में कोर्ट ने 21 अगस्त को आदेश जारी किया। अब सीआईडी ने पूरे मामले की समीक्षा की है, जिसके बाद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया गया है कि विकास तिवारी पर 15 केस हैं। वहीं झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के बिंदु पर फैसला लेने का आग्रह किया गया है।