Home मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग की सक्रियता बढ़ी, 24 घंटे रहेगी क्षेत्रों में नजर

निर्वाचन आयोग की सक्रियता बढ़ी, 24 घंटे रहेगी क्षेत्रों में नजर

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भोपाल

विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता जारी होने के बाद जिला निर्वाचन विभाग ने सक्रियता बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए काम शुरू कर दिया है। आचार संहिता का पालन कराने, धारा 144 का उल्लंघन करने वालों पर सहित अन्य गतिविधियों पर नजर रखने एफएसटी, एसएसटी और वीडियोग्राफी की 26-26 टीमें बनाई हैं। ये सभी टीमें विधानसभाओं में तीन शिफ्टों में 24 घंटे नजरें रखेंगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में जिले के सभी अफसरों को आदेश जारी किए हैं।

भोपाल साइलेंस जोन घोषित, ध्वनि यंत्र पूरी तरह प्रतिबंधित
विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, व्यक्तियों द्वारा चुनाव प्रचार के कार्य में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के दुरुपयोग, लोक प्रशांति भंग करने के लिए ध्वनि विस्तार यंत्रों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की आशंका है। इससे उद्देश्य से भोपाल जिले को साइलेंस जोन घोषित किया गया है। ध्वनि प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से लोकहित में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत यह आदेश जारी किया गया है। जिले में रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर विस्तार यंत्रों का सार्वजनिक उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

इन तीन टीमों का गठन
विधानसभा चुनाव के दौरान जिले की हुजूर, बैरसिया, नरेला, गोविंदपुरा, मध्य, उत्तर और दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों में आचार संहिता, धारा 144 के नियमों के पालन के लिए उड़नदस्ता दल, निगरानी दल और वीडियोग्राफी दल की 26-26 टीमें बनाई हैं। कलेक्टर ने बताया कि अवैध शराब की तस्करी करने वालों के लिए आबकारी विभाग के साथ मिलकर विशेष टीम का गठन किया है। हमने शस्त्र जमा कराने के लिए निर्देश दिए हैं।

सीविजिल ऐप पर करें शिकायत
आचार संहिता लगते ही सबसे पहले संपत्ति विरूपण की कार्रवाई शुरू करा दी गई है। नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित कर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें जिले में लगे राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर सभी निकालने का काम पूरा कर लेंगी। इस कार्य में सभी विधानसभा क्षेत्र में एसडीएम नजर रख रहे हैं।

वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं से घर पर डलवाएंगे वोट: जिले में कुल 20 लाख 86 हजार 231 मतदाता हैं। इनमें से 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 27 हजार मतदाता शामिल हैं, जबकि आठ हजार के लगभग दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।