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सरकारी योजनाओं के हटाए जा रहे पोस्टर और बैनर

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जैसलमेर.

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों का एलान होते ही प्रदेश के कई जिलों में सरकारी योजनाओं के पोस्टर और बैनर हटवाने के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। इसी क्रम में सोमवार को जैसलमेर और करौली जिले में पोस्टर और बैनर हटाए गए। देश में आदर्श आचार संहिता लगते ही जैसलमेर में सरकारी योजनाओं के पोस्टर बैनर उतरने के काम शुरू हो गए हैं। अब हर जगह लगे सरकारी योजनाओं के पोस्टर उतारने के साथ ही जनप्रतिनिधियों को मिली सरकारी गाड़ियों के जिला पुल में जमा करवाने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

अब प्रदेश में किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं के लाभ की घोषणा नहीं हो सकेगी। चुनाव आयोग द्वारा की गई चुनाव को लेकर घोषणा के तहत प्रदेश में एक ही चरण में मतदान की प्रक्रिया होगी। 23 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना होगी।
जैसलमेर में 23 नवंबर को दोनों विधानसभाओं के चार लाख 71 हजार 686 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। इसमें पुरुष मतदाता दो लाख 53 हजार 344 और महिला मतदाता दो लाख 18 हजार 342 हैं। जैसलमेर विधानसभा में दो लाख 50 हजार 343 मतदाता हैं। वहीं, पोकरण विधानसभा क्षेत्र में यह आंकड़ा दो लाख 21 हजार 343 है।

पोस्टर उतारने का काम हुआ शुरू
प्रदेश में 12 बजते ही चुनाव आयोग द्वारा जैसे ही चुनावों की घोषणा की गई, उसी दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारी जगह-जगह लगे सरकारी योजनाओं के पोस्टर और बैनर उतारने में लग गए। जगह-जगह दीवारों, बिजली के खंभों और होर्डिंग बोर्ड पर लगे बोर्ड आदि उतारने के काम शुरू हो गए। नेताओं के फोटो आदि भी हटाए जा रहे हैं।

राजस्थान में 23 नवंबर को होगा मतदान
चुनाव आयोग के अनुसार प्रदेश में 23 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना होगी। इससे पहले 30 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। छह नवंबर तक नामांकन भरे जाएंगे। सात नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी औ नौ नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। जैसलमेर क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों जैसलमेर और पोकरण में कुल चार लाख 71 हजार 686 मतदाता 23 नवंबर को अपना मतदान करेंगे। मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन में अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 50 हजार 343 मतदाता हैं। वहीं, पोकरण विधानसभा क्षेत्र में यह आंकड़ा दो लाख 21 हजार 343 है। हालांकि, अभी भी इस आंकड़े में बहुत आंशिक स्तर पर बदलाव होगा। क्योंकि निर्वाचन नियमों के अनुसार, चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि तक मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने व हटाने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

इस बार 688 मतदान केंद्र
जैसलमेर में आने वाले विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की सुविधा के मद्देनजर मतदान केंद्रों की संख्या में इस बार इजाफा किया गया है। जिले में कुल 688 मतदान केंद्र हैं। ये केंद्र 616 स्थानों पर बनाए जाएंगे। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में जिले में कुल 616 मतदान केंद्र थे, जिनमें 356 जैसलमेर और 258 पोकरण विधानसभा क्षेत्रों में थे। इस बार जिले में कुल 688 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें से शहरी क्षेत्र में 43 व ग्रामीण क्षेत्र में 645 है। जिले में प्रति हजार की आबादी में से 605 मतदाता हैं, यानी उनकी उम्र 18 और उससे ज्यादा है। कलेक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पूरी तरह से महिला मतदान केंद्र भी होंगे, जिनमें चुनाव करवाने वाली सारी मशीनरी महिलाएं ही शामिल रहेंगी। ऐसे ही मॉडल मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे।

वोटर्स की संख्या में हुआ इजाफा
जैसलमेर और पोकरण विधानसभा क्षेत्रों में पांच साल के अंतराल में मतदाताओं की संख्या का आकलन किया तो यह आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जैसलमेर में दो लाख 25 हजार 652 मतदाता थे और पोकरण में ये संख्या एक लाख 94 हजार 962 थी। अब इस संख्या में इजाफा होते हुए जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 50 हजार 343 मतदाता हैं। वहीं, पोकरण विधानसभा क्षेत्र में यह आंकड़ा दो लाख 21 हजार 343 है। दोनों को मिलकर जिले में अब कुल चार लाख 71 हजार 686 मतदाता हैं। अभी नामांकन पत्र दाखिल करने तक का समय नाम जोड़ने या घटाने तक के लिए बाकी है।

करौली में हटाए गए बैनर-पोस्टर
राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। आदर्श आचार संहिता की घोषणा के साथ ही सरकारी भवनों, सरकारी संपत्तियों पर लगे जनप्रतिनिधियों, उम्मीदवारों और सरकारी योजना के प्रचार प्रसार वाले बैनर, पोस्टर तथा संदेशों को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई। कलेक्ट्रेट भवन, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विद्युत पोल, सरकारी कार्यालयों सहित विभिन्न स्थानों पर लगे बैनर पोस्टर को हटाने का काम किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों से जिला मुख्यालय पर नगर परिषद द्वारा हाईवे, विद्युत पोल, सरकारी भवनों क्षेत्र में लगे पोस्टर बैनर हटाने का काम किया जा रहा था। शहरी मनरेगा श्रमिक हटाने के कार्य में लगे हुए थे। सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में लगे प्रचार-प्रसार के पोस्टर बैनर, जनप्रतिनिधि के फोटो सहित विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार वाले पोस्टर बैनर को हटाने का भी काम शुरू हो गया। आचार संहिता को घोषणा के साथ ही चुनाव के लिए वाहनों का अधिग्रहण शुरू हो गया। चुनाव के लिए अधिग्रहित वाहनों को जमा कराने के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करौली में बनाए गए केंद्र पर वाहन चालकों की भीड़ लग गई।

वही करौली सूचना केंद्र भवन में कंट्रोल रूम और एमसीएमसी केंद्र स्थापित किया है। विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एसडीएम कार्यालय करौली में बैठक का आयोजन किया गया। करौली जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार सिंह, एसपी ममता गुप्ता और एडीएम निशु कुमार ने कंट्रोल सेंटर तथा एमसीएमसी केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।