जयपुर
राजस्थान में आचार संहिता लगते ही युवाओं की उम्मीदें टूट गई है। करीब 65 हजार पदों पर हो रही 27 भर्तियां प्रभावित हो गई है। अब यह भर्तियां फिर अगले साल ही पूरी हो पाएंगी। आचार संहिता के चलते 14 भर्तियों के 45 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अटक जाएगी। इसके अलावा 13 भर्तियों के करीब 20 हजार पदों पर भर्ती परीक्षा अगले साल होगी। जिन पदों पर नियुक्ति अटकेगी, उनमें सर्वाधिक पद चिकित्सा विभाग की भर्तियों के हैं। शिक्षा विभाग की 3 बड़ी भर्तियों के 63 हजार से अधिक पदों में से करीब 10 हजार पदों पर नियुक्ति अटक सकती है। उधर, बेरोजगार आचार संहिता से पहले अधिक से अधिक भर्तियों में नियुक्तियों की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन एजेंसियों की धीमी गति के चलते भर्तियां अटकनी तय हैं।
भर्ती एजेंसियों की लापरवाही
जानकारों का कहना है कि भर्ती एजेंसियों की लापरवाही से ही भर्तियां अटक गई है। राजस्थान की 3 बड़ी भर्ती एजेंसियों की लापरवाहियों से ही मुश्किलें बढ़ी है।
आरपीएससी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती का पेपर आउट हो गया और फिर से परीक्षा कराई। इसके चलते वरिष्ठ अध्यापक भर्ती के साथ अन्य भर्तियों की प्रक्रिया भी धीमी हो गई। इन 15716 भर्तियों की परीक्षा अगले साल होगी। संविदा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता2058, संविदा नर्स भर्ती 1588, कनिष्ठ लेखाकार भर्ती 5190, तहसील राजस्व लेखाकार198, संगणक भर्ती,583, सूचना सहायक भर्ती2730, आरएएस भर्ती 2023(मेन)905, लाइब्रेरियन/पीटीआई/सहायकआचार्य और 2446 पदों पर भर्तियां फिलहाल अटक गई है।
नहीं हटेगा ढाई लाख शिक्षकों के तबादले पर लगा बैन?
प्रदेश में करीब ढाई लाख शिक्षक पिछले साढ़े चार साल से तबादलों पर से बैन (प्रतिबंध) हटने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने अब तक बैन नहीं हटाया है।
राजस्थान में आचार संहिता लगते ही करीब ढ़ाई लाख शिक्षकों के तबादले अटक गए है। सरकार का कहना था कि तबादला नीति के आधार पर ही तबादले होंगे। लेकिन पांच साल में गहलोत सरकार नई तबादला नीति तैयार नहीं कर पाई है। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला हर बार आंदोलनर शिक्षकों को आश्वासन देते रहे। लेकिन सरकार ने थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं किए है। सरकार बार यही कहती रहै ही कि नई ट्रांसफर पाॅलिसी से शिक्षकों के तबादले होंगे। लेकिन पांच साल में सरकार ट्रांसफर पाॅलिसी नहीं बना पाई। इसे लेकर शिक्षकों में सरकार के प्रति गहरा रोष देखा गया है।