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इजरायल को मिला US का साथ, शिप और वॉर प्लेन उतारने का ऐलान

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वाशिंगटन

इजरायल में चल रहे युद्ध को लेकर आखिरकार अमेरिका ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इजरायल की रक्षा के लिए हर संभव मदद का ऐलान किया है। आपको बता दें कि 50 साल पहले जब इजरायल पर ऐसा ही संकट आया था तो अमेरिका ने विमान भरकर हथियारों का जखीरा इजरायल भिजवाया था। इसके साथ ही अमेरिका ने इजरायल को खुफिया जानकारियां भी उपलब्ध कराई थी।

अमेरिका ने बढ़ाया इजरायल की तरफ मदद का हाथ

पेंटागन प्रमुख लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि इजराइल के पास अपनी रक्षा के लिए आवश्यक सब कुछ है। उन्होंने कहा- 'आने वाले दिनों में रक्षा विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि इजराइल के पास अपनी रक्षा करने और नागरिकों को अंधाधुंध हिंसा और आतंकवाद से बचाने के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, वह मौजूद है।'

आपको बता दें कि 50 साल पहले अरब-इजरायल युद्ध में अमेरिका ने इजरायल की काफी मदद की थी। अमेरिका ने इजराइल को सैन्य आपूर्ति हवाई मार्ग से भेजी थी। इसमें गोला-बारूद, टैंक, विमान और अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल थे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इजरायल को अमेरिका ने काफी सहयोग किया था। अमेरिका ने यूएन को भी इस बात का यकीन दिलाया था कि किसी भी कीमत पर इजरायल की रक्षा करना जरूरी है। बताया जाता है कि अमेरिका ने इजरायल के साथ दुश्मनों की खुफिया जानकारी भी साझा की थी और साथ ही युद्ध के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई थी।

गाजापट्टी पर हमले में 198 आतंकी मारे गए

इजरायल पर हमले की जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अभी तक गाजापट्टी पर हमले में 198 आतंकी मारे जा चुके हैं और 1600 से ज्यादा घायल हो गए हैं। इसी बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का भी बयान सामने आया है। मैक्रों ने कहा है कि इजरायल को खुद की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। उन्होने इजरायल पर हमले की निंदा भी की है।

इजरायल और हमास आतंकियों के बीच भीषण जंग छिड़ी हुई है. दोनों ओर से हमले जारी हैं. इस जंग की शुरुआत हमास के आतंकियों ने की थी जिसके बाद इजरायल ने जबरदस्त पलटवार किया. इजरायल ने हमास आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया. इन सबके बीच अमेरिका ने हमास के खिलाफ जंग में इजरायल को समर्थन और सैन्य मदद देने का ऐलान किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी जहाजों और युद्धक विमानों को इजरायल के पास तैनात करने का आदेश दिया है. 

  अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह क्षेत्र में फाइटर जेट स्क्वाड्रन को बढ़ावा देने के लिए एयरक्राफ्ट करियर USS Gerald R. Ford और उसके साथ आने वाले युद्धपोतों को पूर्वी भूमध्य सागर में भेज रहा है. यूएस सेंट्रल कमांड ने रविवार को कहा कि शिप और प्लेन ने नई पोस्ट्स पर जाना शुरू कर दिया है. 

अमेरिका ने किया पूरा समर्थन देने का वादा

दरअसल, आतंकी संगठन हमास ने गाजा पट्टी से शनिवार को इजरायल पर अचानक हजारों रॉकेट दाग दिए थे. इसके अलावा हमास के आतंकियों ने हवा, जमीन और समुद्री सीमा से घुसकर आम नागरिकों पर हमला किया था. हमास के इन हमलों में करीब 700 नागरिक मारे गए हैं. इन हमलों में चार अमेरिकी नागरिकों की भी मौत हो गई. व्हाइट हाउस ने कहा, इन हमलों में कई अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं. ऐसे में अमेरिका ने इजरायल को समर्थन देते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं. साथ ही अन्य देशों को इस संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी है. 

व्हाइट हाउस के मुताबिक, बाइडेन ने रविवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और बताया कि इजरायली रक्षा बलों के लिए अतिरिक्त सहायता दी जा रही है. और आने वाले दिनों में और सहायता दी जाएगी. बाइडेन ने हमास के हमले के बाद इजरायल की सरकार और लोगों को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया. 

तनाव के बीच अमेरिकी वायु सेना ने भी अहम कदम उठाया है. अमेरिकी वायु सेना ने कॉल साइन 'CLEAN01' के साथ KC-10A एक्सटेंडर एयरक्राफ्ट तैनात किए है. समुद्री तट के पास से यह फिलिस्तीन और इजरायल पर नजर रख रहा है. आम तौर पर यह 5 लड़ाकू विमानों के साथ रहता है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ये इजरायल और उसे समर्थन करने वाले सभी लोगों के लिए चुनौती है. हम इस आतंकवादी हमले का विरोध करते हैं. हमें फिर से ऐसे कदम उठाने हैं, जिससे हमला करने वालों की जवाबदेही तय हो. साथ में यह सुनिश्चित हो सके कि वे दोबारा ऐसा कदम न उठाएं. इसमें कुछ समय लग सकता है. इजरायल के लिए यह बहुत कठिन फैसला लेने का समय है. 

इजरायल का जबरदस्त पलटवार

हमास के हमलों के बाद इजरायल ने जबरदस्त पलटवार किया. इजारयल के पीएम नेतन्याहू साफ कर चुके हैं कि जंग शुरू हो चुकी है. इजरायली हमलों के बाद जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उन्हें शहर के शहर मलबों में तब्दील नजर आ रहे हैं. इजरायल और हमास के बीच जमीन से लेकर आसमान तक जंग छिड़ी हुई है. 

क्या विकराल होगी जंग?

कहने को तो ये जंग इजरायल और हमास के बीच हो रही है, लेकिन इसके और व्यापक होने की संभावना है. दरअसल, ईरान, लेबनान, पाकिस्तान समेत कई देश खुलकर हमास के समर्थन में आ गए हैं. लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आंदोलन ने दावा किया है कि उसने इजरायली ठिकानों पर गोले और मिसाइलें दागी हैं. ईरान ने हमास को बधाई दी है और कहा है कि वह फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ खड़ा रहेगा. कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा है कि फिलिस्तीनी लोगों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए केवल इजरायल जिम्मेदार है. वहीं सऊदी अरब ने फिलिस्तीन और इजरायल से तत्काल प्रभाव से तनाव कम करने की अपील की है.

  उधर, इजरायल के समर्थन में भी कई विश्वशक्तियां खुलकर आ गई हैं. जहां अमेरिका ने खुलकर पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है. तो वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमास के हमले की निंदा की है. पीएम मोदी ने कहा, हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.