उज्जैन
वन विभाग के दमदमा स्थित रेस्ट हाउस की पार्किंग में लगी बाबा महाकाल की तस्वीर को लेकर एक बड़ा बवाल मच गया है। बाबा महाकाल की तस्वीर को खुले में लगाए जाने को लेकर भाजपा नेता मंगेश श्रीवास्तव ने इसे शर्मनाक बताया है और कहा कि बाबा महाकाल कोई सजावट की वस्तु नहीं है, जिन्हें पार्किंग स्थल पर लगाया जाए।
वह हमारे इष्ट देव हैं, जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों में आते हैं। वह हमारे पूजनीय हैं जिनकी तस्वीर को उचित स्थान पर लगाना चाहिए, लेकिन वन विभाग ने बाबा महाकाल की तस्वीरों को खुले रूप से लगाकर बेहद शर्मनाक काम किया है। जिसके लिए मैंने कलेक्टर से भी यह निवेदन किया है कि जल्द से जल्द इन तस्वीरों को पार्किंग स्थल से हटवाया जाए और जिन भी अधिकारियों ने बाबा महाकाल की तस्वीरों को पार्किंग में लगाया है उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाए।
ये है पूरा मामला
पूरा मामला कुछ यह है कि दमदमा में वन विभाग का एक रेस्ट हाउस बना हुआ है। भाजपा नेता मंगेश श्रीवास्तव किसी कार्य के चलते जब इस रेस्ट हाउस पर पहुंचे तो उनकी आस्था उस समय आहत हुई, जब उन्होंने बाबा महाकाल की बड़ी-बड़ी तस्वीर पार्किंग स्थल में खुले रूप से लगी हुई देखी। जिसको लेकर उन्होंने रेस्ट हाउस के कुछ लोगों से तस्वीरों को पार्किंग में लगाए जाने का कारण भी पूछा, लेकिन इन लोगों ने तस्वीरों को सजावट के तौर पर यहां लगाने की बात कही। जिससे मंगेश श्रीवास्तव का गुस्सा और भी बढ़ गया उनका कहना था कि बाबा महाकाल कोई सजावट की वस्तु नहीं है।
वह हमारे इष्ट देव हैं जिनकी हम पूजा अर्चना करते हैं। पार्किंग क्षेत्र में बाबा महाकाल की तस्वीर खुले रूप से लगाना गलत है। उन्होंने बताया कि पार्किंग में लगी इन तस्वीरों को जल्द से जल्द हटाने को लेकर मैंने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से आग्रह किया है, लेकिन अगर इसके बावजूद भी इन तस्वीरों को वन मंडल के अधिकारियों द्वारा नहीं हटाया जाता, तो मैं खुद पार्किंग में लगी इन तस्वीरों को हटाऊंगा। भाजपा नेता मंगेश श्रीवास्तव तो पार्किंग में लगी बाबा महाकाल की तस्वीरों को जल्द से जल्द हटाने की बात कह चुके हैं, लेकिन जब इस मामले को लेकर वन विभाग की डीएफओ किरण बिसेन से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि बाबा महाकाल हमारे लिए भी पूजनीय हैं।
उनकी तस्वीर रेस्ट हाउस के पार्किंग में जरूर लगी है लेकिन इन तस्वीरों को सिंहस्थ 2016 यानी की लगभग 8 वर्ष पूर्व यहां लगाया गया था। यह तस्वीर पार्किंग के आंगन में लगी हुई है जिसकी देखरेख रेस्ट हाउस के कर्मचारियों द्वारा की जाती है। भगवान का अपमान जैसी कोई बात नहीं है। रेस्ट हाउस के कर्मचारी न सिर्फ इन तस्वीरों की प्रतिदिन सफाई करते हैं बल्कि इनका ध्यान भी रखते हैं। यही कारण है कि 8 वर्षों में भी बाबा महाकाल की यह तस्वीर आज भी पहले जैसी ही है।