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अब सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कसेगा शिकंजा, 44 मामलों में होगी कार्रवाई

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जमशेदपुर

पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत 44 मामलों को जांच के दायरे में लिया गया है। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर भ्रामक, तथ्यहीन, झूठे, आपत्तिजनक, भड़काऊ मैसेज व वीडियो पोस्ट करने वाले शामिल हैं।

एसएसपी ने दिए जांच के आदेश

इसको लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी मामलों की जांच का आदेश दिया है। आपत्तिजनक पोस्ट के 44 मामले जमशेदपुर पुलिस के पास अबतक दर्ज हैं, जिनपर एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर जांच की जा रही है।

साम्प्रदायिक पोस्ट पर नजर

इसके साथ ही एसएसपी ने आदेश दिया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और साम्प्रदायिक पोस्ट करने वालों पर अभी से नजर रखी जाए। किसी भी तरह से कोई अफवाह फैलाता है तो उसपर कार्रवाई की जानी चाहिए। इधर, एसएसपी के आदेश पर हर थाना स्तर पर जो कार्रवाई हो रही है, उसमें व्हाट्एसएप पर मैसेज आने पर सबसे पहले ग्रुप के एडमिन की जवाबदेही होगी। मैसेज भेजने वाले भी नहीं बच सकेंगे।

साइबर बुलिंग के मामले भी सूची में

यहां हर एक मिनट में लाखों लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन, व्हाट्सएप आदि का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ होने वाली ऑनलाइन हिंसा और उत्पीड़न मामलों पर भी गंभीरता बरती गई है। पुलिस साइबर बुलिंग के मामलों को भी अपनी जांच के दायरे में प्राथमिकता के आधार पर लिया है। इसमें महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़, गाली-गलौज, धमकी, ब्लैकमेलिंग, फेक प्रोफाइल बनाकर अभद्र सामग्री डालने से लेकर, स्पाई कैम से उतारी गई तस्वीरों और वीडियो को वायरल करना तथा अश्लील मैसेज तक शामिल हैं। उन सब मामलों पर अब लगातार कार्रवाई पुलिस करेगी।

पुलिस ने जारी किए हैं मोबाइल नंबर

जमशेदपुर पुलिस की ओर से इसके लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। सूचना देने वालों की सभी जानकारियों को गुप्त रखने का काम किया जायेगा। किसी तरह की भी सूचना स्थानीय थाने में भी जाकर लोग दे सकते हैं। इसके बाद पुलिस उसकी जांच करेगी। जांच के बाद सूचना को सही पाए जाने के बाद आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

जमशेदपुर के एसएसपी कौशल किशोर ने बताया कि साम्प्रदायिक पोस्ट करने वालों पर नजर रखी जा रही है। पुराने मामलों को समीक्षा के दायरे में लिया गया है। पर्व त्योहार का लाभ उठाकर कुछ लोग आपत्तिजनक, धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले पोस्ट करते हैं। वैसे लोगों पर नजर रखी जा रही है।