नई दिल्ली
अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ एयर मार्शल साजू बालाकृष्णन ने कहा कि द्वीपसमूह में समुद्री सुरक्षा का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत इस क्षेत्र में अपनी क्षमता कैसे बढ़ाता है। द्वीप समूह की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केवल गश्त करना पर्याप्त नहीं है। इस क्षेत्र में अदृश्य दुश्मनों से निपटने के लिए हरसंभव क्षमता विकसित करना आवश्यक है।
अंडमान निकोबार अब एक सामरिक केंद्र बन गया है
उन्होंने कमान कार्यालय में कहा कि जहां तक भारत की सुरक्षा का सवाल है तो अंडमान निकोबार अब एक सामरिक केंद्र बन गया है। हम यहां समग्र सामरिक परिदृश्य में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट रूप से समझते हैं। हर दिन कई अंतरराष्ट्रीय जहाज इस क्षेत्र से गुजरते हैं। हमारी सरकार इस बात से अच्छी तरह से परिचित है कि हमें अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।
धन की कोई कमी नहीं है
उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमें भारत सरकार से आश्वासन मिला है कि धन की कोई कमी नहीं है। यह केवल क्षमता निर्माण की बात है, इसलिए हम संपूर्ण क्षमता विकास पर विचार कर रहे हैं। समुद्री सुरक्षा के बारे में बालाकृष्णन ने कहा कि पूर्वी और उत्तरी सीमाओं के विपरीत, जहां दुश्मन ज्ञात हैं, हिंद महासागर क्षेत्र में अदृश्य दुश्मन हैं।