कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आपदा की गंभीरता और मृतकों की संख्या पड़ोसी राज्य सिक्किम के समान होने के बावजूद उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव कर रही है।
बनर्जी ने कहा कि बंगाल सरकार मुश्किल घड़ी में सिक्किम की मदद करती है और आगे भी करती रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘बंगाल भिखारी नहीं है।’ मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मदद से संबंधित विषयों में भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया।
बनर्जी ने कहा कि (तीस्ता नदी में) अचानक आई बाढ़ की रात के बाद से ही उनकी सरकार ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) को 25 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी और वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के दल अभी भी प्रभावित जिलों में बाढ़ की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सिक्किम में हमारे भाइयों और बहनों पर आई आपदा ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में हमारे लोगों को भी प्रभावित किया है।’
उन्होंने कहा, ‘अचानक आई बाढ़ की रात के बाद से मैं लोगों को संकट से बचाने के लिए अपने पूरे प्रशासन के साथ चौबीसों घंटे काम कर रही हूं और जीटीए को 25 करोड़ रुपये की सहायता सहित हरसंभव मदद के लिए तत्पर हूं। मंत्रियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अभी भी मौके पर हैं।''
बनर्जी ने पोस्ट में कहा, ''हमने सेना के अधिकारियों और सिक्किम सरकार की हरसंभव मदद की है और आगे भी करेंगे तथा सिक्किम के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।’
बनर्जी ने कहा, ‘लेकिन मैं यहां आपदा की गंभीरता और कई मौतों के बावजूद उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के प्रभावित लोगों के प्रति केंद्र के भेदभाव से स्तब्ध हूं। हम भिखारी नहीं हैं और हम निश्चित रूप से सिक्किम के साथ खड़े हैं। लेकिन हम आपदा प्रबंधन में केंद्रीय मदद से संबंधित विषयों में भेदभाव नहीं चाहते हैं।’