नईदिल्ली
कुछ दिनों पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon Prime पर एक Web Series रिलीज हुई थी जिसका नाम फर्जी था. इस वेब सीरीज में लीड रोल निभाने वाले अभिनेता शाहिद कपूर पैसों की कमी होने पर नकली नोट छापने का धंधा शुरू कर देते हैं. मनोरंजन के लिए बनाई गई इसी फर्जी वेब सीरीज को देखकर दिल्ली में एक गैंग भी जाली नोटों का कारोबार करने लगा जिसका अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ कर दिया है. पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना शकूर जाली नोटों पर बनी वेब सीरीज फर्जी देखकर जाली नोट छापने लगा था.
वेब सीरीज देखकर आया आइडिया
राजस्थान के नागौर के रहने वाले शकूर ने वेब सीरीज से आइडिया लेकर अपना एक गैंग बनाया. शकूर ने अपने गैंग में लोकेश, शिव, संजय और हिमांशु जैन जैसे लोगों को शामिल किया. फिर इन लोगों ने जाली नोट छापना शुरू कर दिया. जाली नोट को ये गैंग दिल्ली एनसीआर में भी बेचा करता था. ये लोग जाली नोट छोटे कारोबारियों को बेचा करते थे.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जब इनके बारे में पता लगा तो पुलिस ने पहले गिरोह के सरगना शकूर को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास पकड़ा. फिर उसकी निशानदेही पर पूरे गैंग को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने इनके पास से करीब 19 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं. जाली नोटों के धंधे में शामिल एक सिंडिकेट के संदिग्ध सदस्यों की गतिविधियों पर काफी समय से निगरानी रखी गई थी.
6 लाख रुपये के नकली नोट के साथ मास्टरमाइंड गिरफ्तार
एएसआई गवर्नर और एएसआई अजय चौहान को सकूर मोहम्मद और लोकेश यादव नाम के दो अपराधियों के बारे में विशेष इनपुट मिला था, इन पर नकली नोटों को खपाने का आरोप था. पुलिस को इनपुट मिला कि नकली नोटों की एक खेप लेकर आरोपी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के क्षेत्र में आएंगे. इसके बाद दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास जाल बिछाया गया और सकूर मोहम्मद और लोकेश यादव नाम के आरोपियों को पकड़ लिया गया. उनकी तलाशी के दौरान, उनके कब्जे से 6,00,000 रुपये मूल्य के 500 के हाई क्वालिटी नकली नोट बरामद हुए.
लगातार पूछताछ के बाद आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें पकड़ा गया नकली नोट उनके सहयोगियों हिमांशु जैन, शिव लाल और उनके भाई संजय से राजस्थान में मिला था. नकली नोट के साथ ही इन आरोपियों के ठिकाने से पुलिस ने नोटों के प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले 2 लैपटॉप, 3 कलर प्रिंटर, 2 लेमिनेशन मशीन, 2 पेन ड्राइव, पेपर शीट, स्याही और केमिलकर, और नोट पर 'सुरक्षा धागे' के रूप में उपयोग की जाने वाली हरी फ़ॉइल शीट और फ़्रेम को बरामद किया है. आरोपियों के मोबाइल हैंडसेट, सिम कार्ड, एक क्रेटा कार और स्विफ्ट कार भी जब्त की गई है.
पेंटर का काम करता था गिरोह का मास्टरमाइंड
नकली नोटों के गिरोह का मास्टरमाइंड 25 साल का आरोपी शकूर मोहम्मद ग्रेजुएट है. वह पेशे से पेंटर था और साल 2015 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अजमेर आया था. उसने पूछताछ में बताया कि वेब सीरीज़ "फ़र्ज़ी" से वो नकली नोटों को छापने के लिए प्रेरित हुआ था.