इंदौर
इंदौर पुलिस ने नकली नोट छापने वाली गैंग को पकड़ा है। तीस लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट बाजार में चला चुके हैं। एक लाख 60 हजार के नकली नोट पुलिस ने बरामद किए। गिरोह का सरगना राजेश बारबेड़े तीन वर्ष पुराना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर स्वयं को मृत घोषित कर चुका है। वह अशोक चौहान के नाम से फर्जी कारोबार कर रहा था।
एडिशनल डीसीपी जोन-4 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक, सुदामा नगर निवासी गौरव पूनम जैन की शिकायत पर आरोपित गणेश चौहान निवासी सुदामा नगर, विक्रम नरेश निवासी शिव सिटी, प्रेयश स्वामी निवासी पारसी मोहल्ला, राजेश बारबेड़े उर्फ अशोक चौहान निवासी सिलिकान सिटी और प्रवीण सिंह निवासी सिलिकान सिटी को गिरफ्तार किया। आरोपितों से प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, नोट स्कैनर, केमिकल और उच्च गुणवत्ता वाले पेपर बरामद हुए हैं, जिससे 50 लाख रुपये छापे जा सकते हैं। आरोपितों से 500, 200 और 100 के एक लाख 60 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं।
चला रहे थे नकली नोट छापने का कारखाना
गिरोह का सरगना राजेश उर्फ अशोक है। वह राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र स्थित न्यू नेहरू नगर में नोट छापने का कारखना चला रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि एजेंट के माध्यम से करीब 30 लाख रुपये बाजार में चला चुका है। नोट सब्जी मंडी, पेट्रोल पंप, शराब और किराना दुकानों पर चलाता था। पुलिस गिरोह में शामिल एक आरोपित बाबू की तलाश कर रही है। राजेश दो हजार रुपये के भी नकली नोट छाप चुका है।
एक ही दुकान पर तीन नोट चलाए और पकड़ा गया गिरोह
एडीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक, आरोपित गणेश चौहान नकली नोट चलाने का काम करता है। उसने किराना दुकान पर तीन नकली नोट चला दिए। दुकान संचालक को बैंक वालों ने पकड़ लिया। उसने नोट की सीरीज लिखी और गणेश पर नजर रखी। गुरुवार को जैसे ही गणेश चौथा नोट लेकर पहुंचा, गौरव जैन ने सीरीज देख पकड़ लिया। रात में मामला थाने पहुंचा और पुलिस मुख्य आरोपित राजेश तक जा पहुंची। राजेश मूलत: बैतूल का रहने वाला है। करीब दो साल से नोट बनाने का धंधा कर रहा था।