प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं,लक्ष्य से पीछे रहना पड़ा महंगा : बटलर
अहमदाबाद
एक दिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड से मिली हार पर इंग्लिश कप्तान जोस बटलर ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि बेन स्टोक्स की कमी टीम को अखरी बल्कि सच्चाई तो यह है कि प्रतिभावान बल्लेबाजों से लबरेज उनकी टीम को लक्ष्य से कम रन बनाने का खामियाजा हार के तौर पर भुगतना पड़ा।
यह पूछे जाने पर कि क्या विश्व कप के पहले मैच में न्यूजीलैंड के हाथों हार बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी के कारण मिली, बटलर ने गुरुवार रात कहा नहीं, बिल्कुल नहीं। मुझे लगता है कि बेन एक शीर्ष खिलाड़ी है लेकिन हमारे पास कई शीर्ष खिलाड़ी हैं। ऐसा नहीं है हमारी टीम में केवल बेन ही रन बनाने में सक्षम है। हमारी पूरी टीम में शानदार खिलाड़ी है मगर शायद आज हमारी बल्लेबाजी स्तरीय नहीं रही।
उन्होंने कहा टीम इसलिए हारी क्योंकि खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में थोड़े चूक गए और शॉट लगाने में अच्छे नहीं थे और न्यूजीलैंड को कुछ विकेट दे दिए। हम अपने लक्ष्य से काफी पीछे थे, फिर भी 280 रन बनाए, जो दर्शाता है कि हम किस स्तर पर खेल सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि उनकी टीम के लिए क्या गलत हुआ, बटलर ने कहा कि वे शायद 330 का स्कोर देख रहे थे जिससे उन्हें दबाव बनाने की अनुमति मिल जाती।
कप्तान ने कहा मुझे लगता है कि बल्ले से हमारे पास रन कम थे। मुझे लगता है कि रोशनी के नीचे विकेट शायद बेहतर हो गया था, लेकिन मुझे लगता है कि हम बल्ले से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रह गए और फिर भी 280 रन बनाए। हम शायद 320, 330 के स्कोर पर विचार कर रहे हैं जिससे हमें कुछ प्रकार का दबाव बनाने की अनुमति मिल जाती। लेकिन मुझे लगा कि उस विकेट पर गलती की गुंजाइश बहुत कम थी और दो बल्लेबाजों ने असाधारण पारियां खेलीं।
डेवोन कॉनवे ने कहा- अन्य टीमें न्यूजीलैंड की इंग्लैंड पर जबरदस्त जीत से सीख ले सकती हैं
अहमदाबाद
न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे को लगता है कि विश्व कप में अन्य टीमें गुरुवार को यहां खेले गए टूर्नामेंट के एकतरफा शुरुआती मैच में इंग्लैंड पर उनकी टीम की नौ विकेट की शानदार जीत से सबक लेंगी। कॉनवे ने 121 गेंदों में 19 चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 152 रन बनाए।
उन्होंने रचिन रवींद्र (नाबाद 123) के साथ 273 रन की अटूट साझेदारी करके अति आक्रामक होकर खेलने वाले इंग्लैंड को धाराशायी किया। कॉनवे ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘हमें सफलता मिली, मुझे लगता है कि सभी इस पर नजर रखेंगे। मुझे लगता है कि जब वे इंग्लैंड के खिलाफ खेलेंगे तो इससे सबक लेंगे। देखते हैं क्या होता है।’’ बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज कॉनवे ने कहा कि न्यूजीलैंड को दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करने के लिए बेहतर परिस्थितियां मिलीं। कॉनवे ने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली थे कि हमें सर्वोत्तम परिस्थितियां मिलीं – शाम को दूधिया रोशनी में खेलना निश्चित रूप से थोड़ा बेहतर था।’
उन्हेंने कहा, ‘‘इससे हमें शॉट खेलने का मौका मिला और हम आभारी हैं कि हम इसका फायदा उठाने में सफल रहे।’’ कॉनवे ने कहा कि रचिन की पारी से उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल अविश्वसनीय था। मुझे बहुत खुशी है कि मैं उस पारी को देखने के लिए दूसरे छोर पर मौजूद था।’’ तीन विकेट लेने वाले न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी ने कहा कि इंग्लैंड को छोटे स्कोर पर रोकने के लिए गेंदबाज श्रेय के पात्र हैं। हेनरी ने कहा, ‘‘हम समझ गए थे कि यह एक अच्छी विकेट होगी।
इंग्लैंड को जितना संभव हो उतने कम स्कोर पर रोकना, एक गेंदबाजी समूह के रूप में हम यही हासिल करने की कोशिश कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम महत्वपूर्ण समय पर विकेट लेने में कामयाब रहे और इंग्लैंड को उस समय कुछ दबाव में डाल दिया जब वे स्पष्ट रूप से हमें दबाव में डाल रहे थे।’’ हेनरी ने उम्मीद जताई कि इस जीत से न्यूजीलैंड टीम में आत्मविश्वास की एक नई लहर आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह लंबा टूर्नामेंट है, इसमें काफी क्रिकेट खेला जाना बाकी है। पहले मैच में आप स्पष्ट रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि टूर्नामेंट की शुरुआत में इस तरह का शानदार प्रदर्शन खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए काफी आत्मविश्वास देता है।
सचिन मेरे आदर्श, लारा और संगकारा भी पसंद: रचिन रवींद्र
अहमदाबाद
इंग्लैंड के खिलाफ मैच जिताऊ शतकीय पारी खेलने वाले न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने कहा कि वह सचिन को अपना आदर्श मानते हैं जिनकी बल्लेबाजी और तकनीक की पूरी दुनिया कायल है।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर गुरुवार को रवींद्र के नाबाद 123 रन और डेविड कॉनवे (152 नाबाद) के बीच 273 रनों की साझीदारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने विश्व कप के उदघाटन मैच गत विजेता इंग्लैंड को 82 गेंदे शेष रहते हुये नौ विकेट से धो दिया था। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रचिन ने कहा, “जाहिर है, मैं सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानता हूं। मुझे लगता है कि बहुत से लोग उन्हे अपना आदर्श मानते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने अपने करियर में जिस तरह से बल्लेबाजी की,वह लाजवाब है और उनकी तकनीक भी देखने लायक थी।’”
बाएं हाथ के बल्लेबाजों की शैली की नकल करने की बात करते हुए रवींद्र ने ब्रायन लारा और कुमार संगकारा का नाम लिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लेफ्टी होने के नाते ऐसे लोग हैं जिन्हें आप देखना पंसद करते हैं, मुझे लारा पसंद है, मुझे संगकारा पसंद है लेकिन तेंदुलकर निश्चित रूप से आदर्श थे।”
एक दिवसीय मैच में पहला शतक लगाने वाले रवींद्र ने ये टिप्पणी तब की जब उनसे तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को आदर्श मानने के बारे में पूछा गया। दरअसल, उनके माता-पिता ने उनका नाम तेंदुलकर और द्रविड़ के नाम पर रखा था। उन्होने कहा, “हां, मुझे लगता है कि वे दोनों बहुत खास क्रिकेटर हैं। जाहिर है, मैंने बहुत सारी कहानियां सुनी हैं और बहुत सारे फुटेज देखे हैं। मुझे लगता है कि मेरे माता-पिता पर भारतीय क्रिकेटरों का काफी प्रभाव था।”
यह पूछे जाने पर कि भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने पर उन्हें कितना गर्व है, जहां उनकी जड़ें हैं, रवींद्र ने कहा, “जब भी वह बेंगलुरु में होते हैं, जहां उनके दादा-दादी रहते हैं तो उन्हें पारिवारिक जुड़ाव का अहसास होता है। मैं अपने दादा-दादी और अन्य चीजों को देख पाता हूं, हां, यह बहुत अच्छा है।”
उन्होने कहा “मुझे लगता है कि शतक हमेशा विशेष होता है, लेकिन भारत में प्रदर्शन करने में सक्षम होने के मामले में यह बहुत अच्छा है। भारतीय जड़ों का होना अच्छा है। मेरे माता-पिता को वहां देखकर अच्छा लगा। जाहिर तौर पर भारत आना हमेशा अच्छा लगता है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके और कॉनवे के लिए अपने गोद लिए हुए देश के लिए मैच जीतना अतिरिक्त संतुष्टि की बात है, रवींद्र ने कहा कि हालांकि उनका परिवार भारत से है, लेकिन वह खुद को कीवी के रूप में देखते हैं, और न्यूजीलैंड के लिए एक गेम जीतने में सक्षम होना हमेशा विशेष होता है।
उन्होने कहा, “ठीक है, मुझे लगता है कि अब हम दोनों एक तरह से कीवी हैं। मैं न्यूजीलैंड में पैदा हुआ था और मेरा परिवार भारत से है लेकिन मैं खुद को पूरी तरह से कीवी के रूप में देखता हूं और जाहिर तौर पर मुझे अपनी जड़ों और अपनी जातीयता पर बहुत गर्व है। मुझे लगता है कि डेवोन को भी यही अनुभव होगा। उन्होंने पिछले पांच, छह वर्षों से न्यूजीलैंड को अपने घर के रूप में अपनाया है और मैं कहूंगा कि वह पूरी तरह से कीवी हैं। मेरा मतलब है कि अपने देश के लिए एक गेम जीतने में सक्षम होना हमेशा विशेष होता है।”