Home मध्यप्रदेश सनातन संस्कृति का न आदि है न अंत : मुख्यमंत्री चौहान

सनातन संस्कृति का न आदि है न अंत : मुख्यमंत्री चौहान

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  • मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल महालोक के द्वितीय चरण का लोकार्पण किया
  • मुख्यमंत्री चौहान को अखाड़ा परिषद ने सनातन गौरव सम्मान से सम्मानित किया
  • आज एक महासंकल्प पूरा हुआ
  • यूनिटी मॉल और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने उज्जैन में आज 242 करोड़ 35 लाख रुपए के महाकाल महालोक के द्वितीय चरण के कार्यों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि द्वितीय चरण के लोकार्पण से अब महाकाल मंदिर का परिसर 2.87 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टयर हो गया है। महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना 856 करोड़ रुपए की है। परियोजना के प्रथम चरण में 351 करोड़ रुपए के कार्यों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। 242 करोड़ 35 लाख रुपए लागत से दूसरे चरण के विकास कार्य किए गए। उन्होंने 284 करोड़ रुपए की लागत के यूनिटी मॉल और 250 करोड़ रुपए की लागत के मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल की कृपा से उज्जैन में विकास कार्यों के लिये तीन हजार करोड़ रुपए अलग से आ रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विश्व का कल्याण हो यह सनातन संस्कृति की देन है। हमारी सनातन संस्कृति में सब के सुखी, निरोगी और कल्याण की कामना की गई है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि सभी जीवों में एक ही चेतना है। सनातन का न कोई आदि है न अंत है। इसे कभी कोई समाप्त नहीं कर सकता। सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश में कई काम हो रहे हैं। अभी हाल ही में ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य जी की एकात्मता प्रतिमा का अनावरण किया गया है। प्रदेश के चित्रकूट, ओरछा, सलकनपुर आदि स्थानों पर लोक एवं धाम निर्माण के कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जब तक जीवन है, तब तक सनातन की सेवा करते रहें। जनता की सेवा ही भगवान की पूजा है। उन्होंने कहा कि उज्जैन पूरा बदल गया है, अर्थ-व्यवस्था बदल गई। यहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आ रहे हैं। सबका जीवन सफल और सार्थक हो।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल महालोक के द्वितीय चरण में अद्भुत कार्य हुए हैं। इनमें गंगा पथ, नूतन घाट, रूद्रसागर का जीर्णोंधार, सिद्धि विनायक पथ, शक्ति पथ, प्रमुख सवारी मार्ग, सीसीटीवी लगाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान उज्जैन में महाकाल महालोक के द्वितीय चरण और नीलकंठ वन एवं महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र का लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान को अखाड़ा परिषद की ओर से सनातन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने महाकाल महालोक परिसर का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री चौहान ने परिसर में भ्रमण के दौरान पुजारियों के साथ मजीरा बजाया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुउषा ठाकुर, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया मुख्यमंत्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान,साधु-संत और पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने मंच पर पुष्प वर्षा कर साधु संतों का अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में महाकाल महालोक पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट सिटी पुस्तक का विमोचन किया।

महाकालेश्वर मंदिर अन्न क्षेत्र में 25 करोड़ रुपए की लागत से देश के सबसे बड़े अन्न क्षेत्र का निर्माण हुआ है, जिसमें अत्याधुनिक मशीनों द्वारा प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा सकेगा। एक साथ 2 हजार श्रद्धालुओं को भोजन करा सकें, इतना बड़ा भोजन कक्ष है। अन्न क्षेत्र में अन्य सुविधाओं जैसे, 2 विशाल आधुनिक रसोई, दो विशाल भोजन कक्ष, प्रतीक्षालय, वीआईपी भोजन कक्ष, दो लिफ्ट एवं शौचालय का निर्माण कराया गया है। 6.73 करोड़ रुपए की लागत से महाकाल मंदिर के पश्चिम भाग में आपातकालीन प्रवेश और निर्गम मार्ग का कार्य हुआ है। इस मार्ग का निर्माण महाकाल मंदिर के पश्चिमी द्वार से शुरू होकर धर्मशाला के प्रवेश तक जाएगा।

शिखर दर्शन एवं कोटि तीर्थ क्षेत्र का विकास कार्य 16 करोड़ 10लाख रुपए की लागत से पूर्ण हुआ है। अन्न क्षेत्र एवं प्रवचन हॉल को हटाकर वैदिक थीम आधारित लैंडस्केपिंग कर शिखर दर्शन को सुगम बनाया गया है। जिसका क्षेत्रफल लगभग 52 हजार वर्ग फीट है।

महाकाल मंदिर परिसर में 25 करोड़ रुपए की लागत से टनल का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है, जिसमें दर्शनार्थियों की सुविधा एवं भीड़ प्रबंधन को दृष्टिगत रखते हुए एक अतिरिक्त मार्ग न्यू वेटिंग हॉल से गणेश मण्डपम तक अंडर ग्राउंड कवर्ड पाथवे का निर्माण किया गया है, जिसकी लम्बाई 300 फीट एवं चौड़ाई 30 फीट है।

द्वितीय चरण में नीलकंठ वन का विकास कार्य 6 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से किया गया है। इस स्थान पर हरित क्षेत्र विकास, विक्रय स्थल, लैंडस्केप प्लाजा, पथ, ग्रास लॉन एवं अत्याधुनिक जन-सुविधा केंद्रों का निर्माण किया गया है। महाकाल महालोक में पूर्व दिशा में प्रवेश मार्ग का निर्माण 22 करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में यूनिटी मॉल बड़ा कदम है। एक जिला एक उत्पाद के प्रचार-प्रसार एवं विक्रय के लिए देश के सभी राज्यों में 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से यूनिटी मॉल बनाए जा रहे हैं। यूनिटी मॉल परियोजना के तहत उज्जैन जिले में 284 करोड़ रुपए की लागत से यूनिटी मॉल बनाया जाएगा। इसके साथ ही एकात्म लोक कन्वेंशन सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा। मॉल में गेम जोन, फूड जोन, रोस्तरां, मल्टीप्लेक्स, मिलेट लोक, डॉरमेट्री भी बनाई जाएगी।

उज्जैन मेडिकल कॉलेज लगभग 250 करोड़ रुपए लागत से 25 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। 100 एमबीबीएस सीट प्रत्येक वर्ष में होंगी। महाकाल लोक परिसर के द्वितीय चरण का लोकार्पण वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दिव्यता एवं भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेशवासियों के कल्याण का कार्य किया है। पर्यटन एवं संस्कति मंत्री सुउषा ठाकुर ने आभार व्यक्त किया।