Home राज्यों से टोंक इलाके के सचिन ही हैं ‘पायलट’?

टोंक इलाके के सचिन ही हैं ‘पायलट’?

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जयपुर.

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट टोंक से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यह पूरी तरह से साफ हो गया है। पायलट को इस बार टोंक से औवेसी और बीजेपी की तरफ से कड़ी चुनौती का सामाना करना पड़ेगा। औवेसी पायलट के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करने के संकेत दे चुके हैं। जबकि बीजेपी ने दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को टोंक का प्रभारी बनाकार पायलट की घेराबंदी करने की कोशिश की है। सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट के गुर्जर वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ही बिधूड़ी ही लाया गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि टोंक के सियासी समीकणरण पायलट के पक्ष में है। नजर इस पर ही पायलट पिछली जीत का रिकाॅर्ड तोड़ पाते या नहीं है। विधानसभा चुनाव 2018 में सचिन पायलट ने 54 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।

टोंक का सियासी समीकरण
टोंक से कांग्रेस हमेशा से मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारती रही है। 2018 में पहली बार कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला। सचिन पायलट को टिकट दिया। चुनाव आयोग के 2018 के आंकड़ों के अनुसार टोंक विधानसभा में 2 लाख 22 हजार वोटर हैं। ये नवाबी दौर का शहर माना जाता है। यहां करीब 50 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। माना जाता है कि इनका रुझान भाजपा के बजाए कांग्रेस की तरफ ज्यादा है। पायलट खुद गुज्जर समुदाय से आते हैं। इनकी संख्या यहां करीब 30 हजार है। इसके अलावा 35 हजार एससी और 15 हजार माली समुदाय के वोट भी हैं। अशोक गहलोत खुद माली समुदाय से आते हैं। सचिन से उनकी प्रतिस्पर्धा मानी जाती है। सियासी समीकणर पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में माने जाते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि गहलोत-पायलट की सुलह के बाद माली वोटर एकमुश्त होकर पायलट के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। सचिन पायलट ने पिछले चुनाव में बीजेपी के युनूस खान को 54 हजार से अधिक वोटों से हराया था। टोंक के अब तक हुए 14 चुनावों में कांग्रेस 6 और बीजेपी 5 बार विजयी रही है।

पायलट का बिधूड़ी पर टिप्पणी से इनकार
सचिन पायलट दो दिवसीय दौरे के तहत बुधवार को टोंक पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और गुर्जर समाज के लोगों ने पायलट का भव्य स्वागत किया। पायलट ने संसद में विवादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी सांसद रमेश विधूडी को टोंक जिला प्रभारी बनाए जाने को लेकर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का निजी मामला है कि टोंक में किसको प्रभारी बनाए, किसको नहीं। मैं इस मामले में नहीं पड़ना चाहता। उन्होंने कहा कि जनता सब समझती है। किसने विकास किया है। जनता तय करेगी, किसे वोट डालना हैं। इस बार वोट देने का निर्णय जनता बड़ी समझदारी के साथ करेगी। इसका निर्णय जनता पर छोड़ देना चाहिए। कौन उनके लिए सही है, कौन गलत।