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जितिया पर नोनी का साग और मडुआ की रोटी खाय

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जीवित्पुत्रिका व्रत कल है और आज नहाय-खाय है। ये व्रत 24 घंटे निर्जला रह कर किया जाता है लेकिन, नहाय-खाय के दिन नोनी का साग और मडुआ की रोटी खाने की परंपरा रही है। नोनी का साग, विटामिन सी और हाई प्रोटीन से भरपूर होता है और इस मौसम में खूब आता है। इस साग को खाने से शरीर में गर्मी आती है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है। तो, वहीं मडुआ की रोटी जिसे रागी की रोटी कहते हैं ये भी बनाया जाता है। ये हाई फाइबर से भरपूर होता है और आपके पेट के लिए अच्छा है। इसके अलावा ये इम्यूनिटी बूस्टर है जो कि कई बीमारियों से बचाव में मददगार है। ये तो थे इन दोनों के फायदे। लेकिन, हम बात इनकी रेसिपी की करेंगे। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

नोनी का साग रेसिपी
जितिया पर नोनी का साग बनाने की परंपरा रही है। इस साग को आज के दिन बिना प्याज लहसुन के बमाया जाता है। इसे बनाने के लिए नोनी के साग को उबालकर रख लें। इसके बाद इसे दरदरा करके पीस लें। इसके बाद कड़ाही में 1 चम्मच घी और फिर काली सरसों डालें। इसमें थोड़ा सा हल्दी और हरी मिर्च काटकर डालें। ऊपर से साग रखें, थोड़ा सा रागी का आटा मिलाएं और सेंधा नमक डालकर साग पकाएं। साग को ऐसे पकाएं कि इसमें से खुशबू आने लगे और ये पककर अपने रंग में आ जाए।

मडुआ की रोटी रेसिपी
मडुआ की रोटी बनाने के लिए आपको मडुआ लेना है और इसमें दही मिला लेना है। फिर आटे को अच्छी तरह से गूंद लें जैसे रोटी का आटा होता है। इसके बाद इसकी लोई काटकर, इस बेल लें। फिर इसे तले पर रखें और रोटी की तरह पकाएं। आप इसे आग में भी पकाकर बना सकते हैं। अब इसके ऊपर थोड़ा सा घी लगाएं और फिर इस रोटी को साग के साथ खाएं।

तो, अगर आप भी जीवित्पुत्रिका व्रत कर रही हैं तो आज के दिन इस रेसिपी को ट्राई कर सकती हैं और इन दोनों चीजों को बनाकर खा सकती हैं। ये दोनों ही चीजें शरीर को एनर्जी देने के साथ व्रत के दौरान आपको बीमार होने से बचाएंगे। अगर आप व्रत नहीं कर रही हैं और आपको ये रेसिपी पसंद आई है, तब भी आप इसे ट्राई कर सकते हैं और ये देसी खाना खा सकते हैं।