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मध्यप्रदेश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है

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आईटी का अगला डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश बनेगा: मुख्यमंत्री चौहन
इंदौर को साइबर सिटी बनाएंगे
ग्लोबल स्किल्स पार्क शुभारंभ है एक नई क्रांति का
ग्लोबल स्किल पार्क मेरा सपना और संकल्प था

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है। ग्लोबल स्किल्स पार्क मेरा सपना और संकल्प था। 2016 में सिंगापुर यात्रा के दौरान इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नीकल एजूकेशन की विश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा को देखकर विश्व स्तरीय स्किल्स पार्क मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए स्थापित करने का संकल्प लिया था, जिससे मध्यप्रदेश के बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकें। ऐसी ट्रेनिंग दे सकें जिससे उन्हें तत्काल रोजगार प्राप्त हो। मुख्यमंत्री चौहान संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क में कौशल उन्नयन महाकुंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं सरकार नहीं परिवार चलाता हूँ। परिवार के मुखिया का यह सपना होता है कि उसके परिवार के बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जाए। यह ग्लोबल स्किल्स पार्क प्रदेश के बच्चों के सपनों को पूरा करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल स्किल्स पार्क ऐसे बच्चे तैयार करेगा जिससे विश्व स्तरीय संथानाओं में उन्हें हाथों-हाथ काम मिल जाएगा।

ग्लोबल स्किल्स पार्क प्रदेश को तेज गति से आगे बढ़ाने का महत्वाकांक्षी अभियान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल स्किल्स पार्क प्रदेश को तेज गति से आगे बढ़ाने का महत्वाकांक्षी अभियान है। स्किल्ड मैन पावर की आज पूरी दुनिया को जरूरत है। इसलिए ग्लोबल स्किल्स पार्क का ईको सिस्टम बनाया जा रहा है। इससे प्रदेश, देश और दुनिया की रोजगार एवं कौशल उन्नयन की जरूरत पूरी हो सकेगी। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एमओयू किया गया है। प्रदेश के बच्चे अब 12वीं के बाद ही स्किल सीख कर तत्काल रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के बच्चे एडमीशन लो, काम सीखो और रोजगार की गारंटी, उनका मामा देगा।

आईटी का अगला डेक्टीनेशन मध्यप्रदेश बनेगा

मुख्यमंत्री चौहान ने आईटी पालिसी के बारे में बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के शहरों में इनफोसिस, परसिस्टेंट और यश टेक्नालॉजी जैसी बड़ी-बड़ी आईटी कम्पनियाँ कार्यरत हैं। बंगलूरू, हैदराबाद और पुणे के बाद आईटी का अगला डेक्टीनेशन मध्यप्रदेश बनेगा। उदारनीति के तहत कम्पनियों ने जमीन लेना प्रारंभ कर दिया है। इंदौर मध्यप्रदेश में आईटी का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है। हमारा विजन है कि इंदौर को टेक्नालॉजी और डिजीटल सिटी के रूप में विकसित करेंगे। सुपर कॉरिडोर में एक आईटी पार्क बनाया जा रहा है, जिसमें टीसीएस, इनफोसिस और यश टेक्नालॉजी कार्य करेंगी। इस आईटी पार्क का नाम अब साइबर सिटी रखा जाएगा। आईटी नीति में कम्पनियों को केपिटल और इंट्रेस्ट सब्सिडी दी जाती है। रोजगार सृजन के लिए निधि और स्टाप शुल्क में सहायता दी जाती है। आगामी समय में आईटी के माध्यम से भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित करने काम करेंगे।

ग्लोबल स्किल्स पार्क नहीं, यह शुभारंभ है एक नई क्रांति का

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह केवल ग्लोबल स्किल्स पार्क का शुभारंभ नहीं है, यह शुभारंभ है एक नई क्रांति का। यह क्रांति स्किल्स डेव्हलपमेंट और रोजगार सृजन के लिए होगी। हमारी कोशिश है कि कोई बच्चा बेरोजगार न रहे, किसी बच्चे को भटकना न पड़े। बच्चें काम सीखें और रोजगार से लगें एवं अपनी बेहतर जिंदगी जीये। बच्चों के चहरे पर मुस्कुराहट, हृदय में आत्म-विश्वास रहे और वह प्रदेश की तरक्की में भरपूर योगदान करें।

विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों के साथ एमओयू साइन

मुख्यमंत्री चौहान की उपस्थिति में यूनाइटेड नेशन वूमेन और गूगल जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों के साथ एमओयू साइन किया गया। यूनाइटेड नेशन वूमेन के साथ मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा और बालाघाट में महिलाओं को एसटीईएम के तहत सशक्तिकरण, गूगल के साथ ट्रेनिंग और टेक्निकल सर्विसेस के लिए, आईआईटी इंदौर और आईआईएम इंदौर के साथ शार्ट टर्म स्किलिंग, आईआईटी रोपर के साथ आर्टीफिशियल एटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए, आईआईटी जोधपुर के एआर और वीआर के लिए, नेशनल पावर ट्रेनिंग इन्स्टीटयूट फरीदाबाद के साथ पॉवर और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग ट्रेनिंग, बीएचईएल के साथ इंडस्ट्रीयल विजिट के लिए, मेनिट के साथ प्राध्यापकों के प्रशिक्षण और नास्कॉम एवं आरजीपीवी के साथ विभिन्न कोर्सों में सर्टिफिकेशन संबंधी विषयों पर एमओयू हस्ताक्षर किए गए।

कौशल विकास के लिए आज ऐतिहासिक दिन: मंत्री श्रीमती सिंधिया

मंत्री तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कौशल विकास के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। वर्ष 2016 के सिंगापुर दौरे में मुख्यमंत्री चौहान के साथ इंस्टीट्यूट फॉर टेक्निकल एजुकेशन सिंगापुर से प्रेरणा लेकर मध्यप्रदेश में भी विश्व-स्तरीय स्किल ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उद्योगों और संस्थाओं के साथ हुआ एमओयू भविष्य में मध्यप्रदेश के बच्चों को विश्व-स्तरीय स्किल्स सिखाएगा जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान का प्रदेश के बच्चों को यह सौगात देने के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने 600 करोड़ रुपए की लागत के संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्लोबल स्किल्स पार्क की कार्यशाला का भ्रमण किया और ट्रेड्स की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री चौहान ने संत शिरोमणि रविदास जी की मूर्ति का अनावरण किया। मूर्ति पर पुष्प अर्पण कर सादर नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने 39 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से निर्मित 9 संभागीय आईटीआई का लोकार्पण और 2 हजार 695 करोड़ रुपए की लागत के जबलपुर, ग्वालियर, सागर एवं रीवा में बनने वाले चार नवीन ग्लोबल स्किल्स पार्क का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्लोबल स्किल्स पार्क में प्रवेश प्रक्रिया का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने आईटी पॉलिसी का विमोचन किया। साथ ही मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अंतर्गत हितग्राहियों को प्रथम स्टाइपेंड का वितरण भी किया। इसके तहत 8 हजार से 10 हजार रुपए तक युवाओं के खाते में डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने सीखो कामाओ का जिक्र करते हुए कहा कि योजना में 9 लाख से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। सैकड़ों कम्पनियों ने भी योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया है। सभी कम्पनियाँ प्रदेश के बच्चों को कार्य सिखाना चाहती हैं। कम्पनी भी तैयार है, बच्चे भी तैयार है और उनका मामा भी तैयार है।

इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, खेल एवं युवक कल्याण और तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जनसम्पर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, यूनाइटेड नेशन वूमेन की कंट्री हेड सुसान फरग्युसन, उपाध्यक्ष नीति आयोग सचिन चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास एवं रोजगार मनु श्रीवास्तव सहित गलोबल स्किल्स पार्क के संबंधित अधिकारी और बड़ी संख्या में युवा उपस्थित रहे।

संत शिरोमणि स्किल्स पार्क

ग्लोबल स्किल्स पार्क का निर्माण 36 एकड़ में लगभग 600 करोड़ रुप्ए की लागत से किया गया है। यहाँ उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएँ, उद्योग की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम, स्मार्ट क्लॉस-रूम और हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है। 12 मॉडर्न कोर्सेस, जिसमे प्रिसिजन इंजीनियरिंग, मेकाट्रोनिक्स, नेटवर्किंग एण्ड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडिशनिंग, ऑगमेंटेड रियलिटी एवं वर्चुवल रियलिटी, मैकेनिकल एण्ड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज़, ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, ई-स्पोर्ट्स, मोबाईल इलेक्ट्रॉनिक्स, पॉवर एण्ड कंट्रोल का संचालन किया जायेगा। संस्थान से प्रतिवर्ष 6 हजार छात्रों को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा। उद्योगों की जरूरतों के अनुसार संस्था के लैब में आधुनिकतम उपकरण उपलब्ध हैं।

चार नवीन ग्लोबल स्किल्स पार्क का शिलान्यास

जबलपुर, ग्वालियर, सागर एवं रीवा में भी ग्लोबल स्किल्स पार्क स्थापित किए जायेंगे। प्रत्येक पार्क की लागत लगभग 673 करोड़ रुपए होगी। प्रत्येक संस्थान का निर्माण 25 एकड़ भूमि में किया जायेगा। पार्कों की स्थापना पर कुल 2 हज़ार 695 करोड़ का व्यय किया जायेगा।