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मुक्केबाजी में लवलीना को रजत, प्रवीण को कांस्य मिला

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हांगझोउ
भारत की लवलीना बोरगोहेन को बुधवार को महिलाओं की 75 किलोग्राम वर्ग में रजत और प्रवीण हुड्डा को 57 किलोग्राम वर्ग में मुक्केबाजी मुकाबले में कांस्य पदक मिला है।
चीन में चल रहे एशियाई खेलों में आज फाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज लवलीना को चीन की ली कियान के खिलाफ 5-0 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। चीनी मुक्केबाज पूर्व विश्व चैंपियन और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता रह चुकी हैं।
भारतीय मुक्केबाज और चीनी बॉक्सर ने इस फाइनल मुकाबले में शुरुआत से ही रिंग में आक्रामक रुख़ इख़्तियार किया। लवलीना बोरगोहेन पहले राउंड में थोड़ी रक्षात्म क नज़र आई। हालांकि, उन्होंने कुछ अच्छे पंच लगाकर जजों का ध्यान अपनी ओर ज़रूर खींचा।
वहीं, दूसरे और आखिरी राउंड में भारत की लवलीना ने अपने फुटवर्क का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए राइंड हैंड से कई पंच जड़े, लेकिन चीनी मुक्केबाज थोड़ी ज्यादा आक्रामकर नज़र आईं और उन्होंने सर्वसम्मत निर्णय से स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
लवलीना बोरगोहेन ने इस साल की शुरुआत में विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में ली कियान का सामना किया था और उन्हें 4:1 के स्प्लिट डिसीजन से हराया था।
ओलंपिक पदक विजेता और विश्व चैंपियन लवलीना बोरगोहेन ने अपनी इस वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
वहीं महिलाओं के 57 किलोग्राम वर्ग में मुकाबले में भारत की प्रवीण हुड्डा ने कांस्य पदक जीता है। आज यहां हुए सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाजी में प्रवीण हुड्डा को चीनी ताइपे की लिन के खिलाफ हार के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है।

भारतीय पुरूष हॉकी टीम कोरिया को हराकर फाइनल में

हांगझोउ
 शुरूआती क्वार्टर में ही तीन गोल करने के बाद कोरियाई पलटवार का डटकर सामना करते हुए भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश कर लिया।

भारतीय हॉकी टीम ने आखिरी बार 2014 इंचियोन खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई किया था। पिछली बार जकार्ता में 2018 में भारतीय टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।

भारत के लिये हार्दिक सिंह (पांचवां मिनट), मनदीप सिंह (11वां मिनट) और ललित उपाध्याय (15वां) ने पहले क्वार्टर में ही तीन गोल कर दिये थे।

दूसरे क्वार्टर में हालांकि कोरिया के माने जुंग ने 17वें और 20वें मिनट में दो गोल करके भारतीय खेमे में खलबली मचा दी। भारतीयों ने पलटवार पर 24वें मिनट में बढत बनाई जब अमित रोहिदास ने गोल दागा।

इस बीच कोरिया के लिये जुंग ने फिर 47वें मिनट में गोल कर दिया। शानदार फॉर्म में चल रहे अभिषेक ने 54वें मिनट में गोल करके भारत की जीत पर मुहर लगा दी। भारत का सामना सात अक्टूबर को फाइनल में चीन या जापान से होगा।

 

महिला हॉकी : एशियाई खेल फाइनल और भारत के बीच चीन की दीवार

हांगझोउ
पिछले 41 साल में पहली बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने से दो जीत दूर भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में बुधवार को तीन बार की चैम्पियन चीन से खेलेगी तो उसे मेजबान विरोधी टीम के अलावा दर्शकों की चुनौती से भी निपटना होगा।

भारतीय महिला टीम ने 2018 में जकार्ता में रजत पदक जीता था लेकिन इस बार सविता पूनिया की अगुवाई में शानदार प्रदर्शन कर रही टीम स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार है।

भारत ने एशियाई खेलों में एकमात्र स्वर्ण 1982 में दिल्ली में जीता था जब महिला हॉकी पहली बार खेली गई थी। उसके बाद से टीम तीन कांस्य और दो रजत पदक जीत चुकी है।

भारत विश्व रैकिंग में इस समय सातवें और चीन 12वें स्थान पर है। भारत ने पहले मैच में सिंगापुर को 13.0 से, फिर मलेशिया को 6.0 से और हांगकांग को 13.0 से हराया जबकि दक्षिण कोरिया से 1.1 से ड्रॉ खेला।

दक्षिण कोरिया के खिलाफ मैच को छोड़कर भारतीय डिफेंस को कड़ी चुनौती नहीं मिली है। फॉरवर्ड पंक्ति और मिडफील्ड ने मिलकर जमकर गोल दागे हैं और वे इस लय को कायम रखना चाहेंगे।

दीपिका और दीप ग्रेस इक्का ने पेनल्टी कॉर्नर को भुनाया है जबकि वंदना कटारिया, संगीता कुमारी, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी ने फील्ड गोल दागे हैं।

भारतीय कप्तान सविता ने कहा, ‘‘हमारे लिये यह खास पल है। हमने अभी तक बहुत अच्छा खेला है लेकिन सेमीफाइनल की चुनौती अलग है। चीन की टीम मजबूत है और एशियाई खेलों में अच्छा प्रदर्शन करती आई है लेकिन हम भी तैयार हैं।''

चीन ने पूल चरण में इंडोनेशिया, कजाखस्तान और थाईलैंड को हराया लेकिन जापान से हार गया। भारत और चीन के बीच खेले गए 22 मैचों में से 11 भारत ने, नौ चीन ने जीते और दो ड्रॉ रहे।