धनबाद.
सावन-भादो में सूखे का असर किसानों पर पड़ा। धनबाद में धान की महज 16 प्रतिशत ही रोपनी हुई। राज्य सरकार के निर्देश पर 30 सितंबर को अंतिम रिपोर्ट जिला कृषि विभाग ने मुख्यालय को भेज दी है। कृषि विभाग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि धनबाद में खरीफ फसलों की रोपनी बहुत कम हुई है। इसे देखते हुए जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है।
धनबाद में कम बारिश का असर खेत से लेकर नदी-तालाबों तक पड़ा है। किसानों की रोजी-रोटी पर इस कम बारिश का असर पड़ा है। जिले में 43 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती होती है। इसमें से मात्र 7142 हेक्टेयर जमीन पर ही रोपनी हुई है, जो की लक्ष्य का मात्र 16.6 प्रतिशत ही है। इतनी कम बारिश से धनबाद में सूखे की स्थिति हो गई है। किसानों को अपने भोजन की चिंता सती रही है।
मक्का 31 और मड़ुआ की 13 प्रतिशत रोपनी
खरीफ फसलों में किसान मक्के की भी खेती धनबाद में करते हैं। धनबाद में मात्र 31 प्रतिशत ही मक्के की खेती हुई है। वहीं मड़ुआ की रोपनी 13 प्रतिशत हुई है। वहीं मोटे अनाज की रोपनी भी मात्र 10 प्रतिशत हुई है। ऐसे में धान की वैकल्पिक फसलों की रोपनी भी सामान्य से काफी कम है।
राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक जिले में खरीफ फसलों की रोपनी की अंतिम रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट भेज दी गई है। जिले में सूखे की स्थिति है। मात्र 16 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है।-शिव कुमार राम, जिला कृषि पदाधिकारी