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मां के नक्शेकदम पर चल रही हरमिलन नयी बुलंदियों को छूना चाहती है

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हांगझोउ
 मां और बेटी दोनों का एशियाई खेलों में पदक जीतना दुर्लभ है लेकिन भारत की राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारी 1500 मीटर की धाविका हरमिलन बैंस ने यह कर दिखाया है और अब वह इससे बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है।

25 वर्ष की हरमिलन ने महिलाओं की 1500 मीटर रेस में रजत पदक जीता। उनकी मां माधुरी ने 2002 में दक्षिण कोरिया के बुसान में हुए खेलों में 800 मीटर में रजत जीता था।

अब हरमिलन की नजरें 800 मीटर पर है। यह पूछने पर कि वह 1500 मीटर का रजत जीतने के बाद अपनी मां से क्या कहेंगी, हरमिलन ने कहा, ‘‘मैं कहूंगी कि मां अभी 800 मीटर बाकी है।''

उसने कहा, ‘‘मैं 800 मीटर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश करूंगी। मुझे 1500 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने का यकीन था लेकिन रजत से संतोष करना पड़ा।’’

हरमिलन के पिता अमनदीप बैंस भी दक्षिण एशियाई खेलों में 1500 मीटर में पदक जीत चुके हैं।

हरमिलन ने 2016 में वियतनाम में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में 1500 मीटर में कांस्य पदक जीता था। उसे 2017 में घुटने में चोट लगी जिससे उबरने में एक साल लगा। इसके बाद 2019 में उसने पटियाला में फेडरेशन कप में 1500 मीटर में कांस्य जीता।

दो साल पहले राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में उसने 1500 मीटर में नया रिकॉर्ड बनाया। घुटने क आपरेशन के कारण वह 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले सकी थी।

अतनु.अंकिता ने मलेशिया को हराया, भारतीय तीरंदाज चार स्पर्धाओं के क्वार्टर फाइनल में

हांगझोउ
 अतनु दास और अंकिता भकत की रिकर्व मिश्रित तीरंदाजी जोड़ी ने तीन सेटों के मुकाबले में मलेशिया को हराकर एशियाई खेलों के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

भारतीय तीरंदाज तीन स्पर्धाओं रिकर्व मिश्रित, कंपाउंड मिश्रित और कंपाउंड पुरूष टीम के अंतिम आठ में पहुंच गए। वहीं शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय कंपाउंड महिला टीम को क्वार्टर फाइनल तक बाय मिला है।

पांचवीं वरीयता प्राप्त दास और अंकिता ने मलेशिया के स्याकिरा बिंटी एम और मुहम्मद जरीफ स्याहिर बिन जोकेपेली को 39.38, 37.36, 39.33 से हराया।

मलेशिया की जोड़ी ने पहले सेट में तीन 10 स्कोर करके 2.0 की बढत बना ली थी। लेकिन भारत की अनुभवी जोड़ी ने दो 10 स्कोर करके वापसी की।

मलेशियाई टीम ने दूसरा सेट एक अंक के अंतर से गंवा दिया। वहीं तीसरे सेट में दास और अंकिता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन परफेक्ट 10 लगाये और क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली जहां उनका सामना चौथी वरीयता प्राप्त इंडोनेशिया से होगा।

इंडोनेशिया को हराने पर उनकी टक्कर शीर्ष रैंकिंग वाली दक्षिण कोरिया से हो सकती है।

एशियाई खेलों में छह कोटा स्थान उपलब्ध है जो रिकर्व मिश्रित टीम विजेता और व्यक्तिगत वर्ग में शीर्ष दो तीरंदाजों को मिलेंगे।

कंपाउंड मिश्रित वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा वेन्नम ने सिर्फ एक अंक गंवाया और संयुक्त अरब अमीरात के मोहम्मद बिनामरो और आमना अलावाधी को 159.151 से मात दी।

अब उनका सामना मलेशिया से होगा।

कंपाउंड टीम वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्त ओजस, अभिषेक वर्मा और प्रथमेश जावकर ने 15वीं वरीयता प्राप्त सिंगापुर (वून तेंग एंग, ली चुंग ही एलेन और जुन हुइ गोह) को 235.219 से हराया। अब उनका सामना निचली रैंकिंग वाली भूटान टीम से होगा।

शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला कंपाउंड टीम (ज्योति, अदिति स्वामी और परनीत कौर) क्वार्टर फाइनल में नौवीं वरीयता प्राप्त हांगकांग से खेलेगी जिसने बांग्लादेश को 225.218 से हराया।

भारत घुड़सवारी इवेंटिंग जंपिंग टीम और व्यक्तिगत वर्ग में आखिरी स्थान पर

हांगझोउ
 भारतीय घुड़सवारों ने एशियाई खेलों में  टीम और व्यक्तिगत जंपिंग फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन किया और आखिरी स्थान पर रहे।

कुल 1077.20 पेनल्टी अंक के साथ भारतीय टीम पांचवें और आखिरी स्थान पर रही।

चीन ने 86.80 पेनल्टी अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता।

जापान (92.70) को रजत और थाईलैंड (93.90) को कांस्य पदक मिला।

भारतीय टीम में विकास कुमार, अपूर्व दाभाडे और आशीष लिमये थे। आशीष शनिवार को क्रॉसकंट्री में दो जंप चूकने के कारण बाहर हो गए थे।

व्यक्तिगत वर्ग में विकास मामूली अंतर से शीर्ष तीन में जगह बनाने से चूके और चौथे स्थान पर रहे। उन पर ड्रेसेज में 32.40 और क्रॉसकंट्री में 8.80 पेनल्टी अंक लगे।

दाभाडे 12वें स्थान पर रहे।