ग्वालियर
बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव किसी भी सूरत में हारना नहीं चाहती, यही कारण है कि प्रदेश स्तर से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक यहां एड़ी-चोटी का जोर यहां लगा रहे हैं। इस चुनावी साल में पीएम मोदी भी लगातार एमपी का दौरा कर रहे हैं। मालवा और बुंदेलखंड के बाद अब पीएम मोदी चंबल का दौरा करने जा रहे है। उम्मीद है कि एमपी के सबसे बड़े राजनीतिक केंद्र ग्वालियर चंबल में पीए्म मोदी पार्टी को मुसीबत से निकालने के लिए नेताओं को जीत का मंत्र देगे। लेकिन पीएम मोदी के दौरे को लेकर यही सवाल उठा रहा है कि अमित शाह के बाद क्या मोदी अंचल में बीजेपी को मुसीबत से निकाल पाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 दिन में दूसरी बार और 7 महीने में 8वीं बार मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। मोदी 2 अक्टूबर को ग्वालियर से देश में अलग-अलग जगह के 19 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे। इसमें इंटरनेशनल दिव्यांग स्पोर्ट्स सेंटर और दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस का वर्चुअली लोकार्पण भी शामिल है।
मेला मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस मंच को ग्वालियर किले की थीम पर तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री सोमवार दोपहर 3 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। जिला प्रशासन के मुताबिक PM हेलिकॉप्टर से 3.30 बजे कार्यक्रम स्थल मेला ग्राउंड पहुंचेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा 9 केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री शाम 5.25 बजे ग्वालियर से दिल्ली रवाना होंगे।
दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो बार दौरा कर चुके हैं। अभी हाल में ही वह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए और ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही गुटबाजी और नाराजगी को दूर करने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत की, लेकिन अमित शाह के दौरे के बाद भी यहां पर बीजेपी के लिए कोई अनुकूल स्थिति नहीं बन पाई है और लगातार पार्टी के नेताओं में आपसी खींचतान कार्यकर्ताओं में नाराजगी पार्टी के लिए एक बड़ा सिर दर्द बन चुकी है।
यही कारण है कि अंचल के दोनों दिग्गज सिंधिया और तोमर के अलावा कई ऐसे बड़े नेता हैं जो यहां पर लगातार दौरा कर आपसी सामंजस्य बैठने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के नेताओं की यह मेहनत और रणनीति काम आती नहीं दिखाई दे रही है इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व की नजर अब ग्वालियर चंबल अंचल पर है।
ग्वालियर से इन विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन
- 1880 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले पांच रोड प्रोजेक्ट का भूमिपूजन।
- मध्यप्रदेश से गुजर रहे 244.50 किलोमीटर लंबे दिल्ली – बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण।
- प्रधानमंत्री आवास योजना में बने 1296 आवासों का लोकार्पण कर एक महिला हितग्राही रेखा श्रीवास्तव को चाबी देंगे।
- ग्वालियर समेत देश के अलग – अलग शहरों में प्रस्तावित 9 क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास।
- इंदौर में ITI की एकैडमिक बिल्डिंग का लोकार्पण। हॉस्टल और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का भूमिपूजन।
- उज्जैन की इंट्रीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का भूमिपूजन।
- श्योपुर के 720 गांवों को पानी के पानी मुहैया कराने के लिए तीन जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन।
- ग्वालियर से सुमावली तक चलने वाली मेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
- ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण।
बीजेपी को पता है कि मध्य प्रदेश में सत्ता का रास्ता ग्वालियर चंबल से होकर गुजरता है। इसका नतीजा पिछली बार साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सबने देखा है। साल 2018 में इसी ग्वालियर चंबल अंचल के कारण बीजेपी को मध्य प्रदेश से अपनी सत्ता गंवानी पड़ी। ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में से महज 6 सीटों पर बीजेपी जीत पाई और 26 सीट जीतकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल की थी। बीजेपी को अब यही डर है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव जैसे हालत फिर से ग्वालियर चंबल अंचल में ना हो जाए।
यही कारण है कि बीजेपी मध्य प्रदेश के बाकी इलाके से ग्वालियर चंबल अंचल में एड़ी और चोटी का जोर लगा रही है। इसलिए यहां पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा अमित शाह और खुद पीएम नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं। अभी हाल में ही भाजपा ने प्रदेश कार्य समिति की अंतिम बैठक ग्वालियर में रखी थी जिसमें प्रदेश के अलावा ग्वालियर चंबल अंचल की सभी मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष सहित तमाम पदाधिकारी पदाधिकारी शामिल हुए थे। इसमें अमित शाह ने नेताओं से कहा था की गुटबाजी और नाराजगी को छोड़कर मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनानी है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को नहीं है रूचि
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आदेश के बावजूद भी यहां पर स्थिति जस की तरह बनी हुई है। यही कारण है कि बीजेपी को भी लग रहा है कि ग्वालियर चंबल अंचल में उनकी स्थिति ठीक नहीं है और इसका सबसे बड़ा कारण महाराज भाजपा और नाराज भाजपा हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता भी ज्यादा रुचि नहीं दिख रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच लगातार गुटबाजी बड़ी चीज है।
पीएम मोदी का जादू चलेगा?
ग्वालियर चंबल अंचल के दिग्गज नेताओं का जादू बेअसर होने के बाद अब पीए मोदी जादू दिखाने के लिए ग्वालियर चंबल अंचल की दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे को लेकर नेता, कार्यकर्ता और लोगों में काफी उत्साह भी दिखाई दे रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अंचल में पार्टी को मुसीबत से निकालने के लिए पीएम मोदी का यह जीत का मंत्र इस ग्वालियर चंबल अंचल को कितना फायदा पहुंचाएगा, चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता लग पाएगा।
क्या कहना है बीजेपी नेता का…
पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर भाजपा के सांसद विवेक नारायण सेजवलकर कहते हैं कि ग्वालियर चंबल अंचल में पीएम मोदी का यह पहला दौरा है और लोग उन्हें सुनने और उनके स्वागत के लिए हजारों की संख्या में इकट्ठे होंगे। साथ ही उनका कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ता है और जनता के बीच भी एक अच्छा मैसेज जाता है निश्चित ही इस आगामी विधानसभा चुनाव में इसका पार्टी को फायदा मिलेगा।